जबलपुर। एडीजे यशवंत मालवीय ने एक मामले में डिसीजन सुनाते हुए कहा कि आरोपी को कोर्ट में पेश करते समय हथकड़ी लगाएं या ना लगाए, यह पुलिस अधिकारी का विशेषाधिकार है। इसी के साथ उन्होंने जेएमएफसी कोर्ट द्वारा की गई कार्रवाई को खारिज कर दिया और एक तिहाई सहित सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज मामले को शून्य घोषित कर दिया।
पुलिस अधिकारियों की ओर से अधिवक्ता प्रशांत दुबे ने कोर्ट को बताया कि 22 अप्रैल 2022 को ग्वारीघाट थाने के आरक्षकों मुकेश मेश्राम व राकेश बर्मन ने चोरी के आरोपी कमल गंगवानी को कोर्ट में हथकड़ी लगाकर पेश किया। इस पर जेएमएफसी कोर्ट ने आरक्षक मुकेश मेश्राम, राकेश बर्मन, जाँच अधिकारी एएसआई केपी पांडे, टीआई भूमेश्वरी चौहान के खिलाफ पुलिस एक्ट की धारा 29, सहपठित धारा 30 मानवाधिकार नियम, आईपीसी की धारा-352, 355, 166 क सहपठित धारा-30 मानवाधिकार अधिनियम के तहत संज्ञान लेकर प्रकरण मानवाधिकार अधिनियम की विशेष अदालत भेजा था।
एडीजे यशवंत मालवीय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद टीआई भूमेश्वरी चौहान सहित 7 पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले को खारिज कर दिया एवं स्पष्ट किया कि आरोपी को कोर्ट में पेश करते समय किस प्रकार चलाया जा रहा है। हथकड़ी लगाएं या ना लगाए। यह पुलिस का विशेषाधिकार है। वह न्यायालय के प्रति जवाबदार नहीं होता।