जबलपुर। सेशन कोर्ट ने जबलपुर पुलिस के खिलाफ नेगेटिव कमेंट किया है। पुलिस की इन्वेस्टिगेशन को गलत बताते हुए उसकी मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। अवयस्क लड़की के प्रति लहंगे का अपराध के मामले में सेशन कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने झूठी कहानी गढ़कर फंसाया गया था। इसी के साथ आरोपी अंकित ठाकुर निवासी बेलखेड़ा को निर्दोष घोषित किया गया।
पुलिस इन्वेस्टिगेशन के आधार पर अभियोजन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जबलपुर के बेलखेड़ा निवासी अंकित ठाकुर ने 27 सितंबर, 2017 को माढ़ोताल जबलपुर निवासी युवती से दुष्कर्म किया था। विजय नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई। आरोपी अंकित ठाकुर की तरफ से अधिवक्ता ओमशंकर विनय पांडे व अंचन पांडे ने दलील दी कि इस मामले में पुलिस ने शिकायतकर्ता युवती का मेडिकल टेस्ट ही नहीं कराया और न ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार डीएनए सैम्पल लेकर परीक्षित कराए गए।
शिकायतकर्ता युवती ने भी कोटा पूछताछ के दौरान यह माना कि आरोपी के साथ उसका विवाद हो गया था। बहस के दौरान अभियोजन की नाकामी पर बार-बार जोर दिया गया। पुलिस की कार्यप्रणाली को कठघरे में रखा गया। आरोप लगाया गया कि यह मामला दुर्भावना से प्रेरित है। यदि ऐसा न होता तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन अवश्यक किया गया होता। चूंकि झूठी कहानी गढ़कर फंसाया गया था, अत: डीएनए सैम्पल टेस्ट जैसी आवश्यकताएं तक दरकिनार कर दी गईं।