जबलपुर। जबलपुर हाईकोर्ट ने चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग को अनुकंपा नियुक्ति देने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि यदि आवेदिका पात्र पाई जाए तो 60 दिन के भीतर उसे अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करें।
याचिकाकर्ता बैतूल निवासी कंचन सिरोरिया की ओर से अधिवक्ता देवराज विश्वकर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता की मां सिलपटी में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत थी। वैक्सीनेशन की ड्यूटी के दौरान आवेदिका की मां कोरोना मरीज के संपर्क में आई और उसकी तबियत बिगड़ गई। उन्हें 11 सितंबर, 2021 को कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया और ऑक्सीजन की कमी के कारण उसे वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन वह नहीं बच पाई। बाद में किसी भी अस्पताल ने कोविड से मौत की रिपोर्ट नहीं दी।
शासन की ओर से बताया गया कि 28 मई 2021 के परिपत्र के तहत एक मार्च 2021 से 30 जून, 2021 के बीच कोरोना से मौत होने पर ही शासकीय कर्मी के डिपेन्डेंट को ही अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी। वहीं कोर्ट ने परिपत्र और दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद पाया कि परिपत्र की ही एक बिंदु में यह स्पष्ट है कि कोरोना से ठीक होने के छह माह बाद भी मौत हुई तो उसे भी लाभ दिया जाएगा।