JABALPUR NEWS- भाजपा महापौर प्रत्याशी को घर वालों ने तक वोट नहीं दिया

Bhopal Samachar
जबलपुर
। चुनाव में हार जीत तो लगी रहती है लेकिन किसी भी प्रत्याशी के लिए सबसे शर्मनाक स्थिति तब होती है जब उसके अपने उसे वोट ना दें। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉ जितेंद्र जानदार ना केवल चुनाव हार गए बल्कि उनको अपने वार्ड मोहल्ले में भी वोट नहीं मिले। 

मध्य प्रदेश के सभी जिलों में नगर निगम एवं नगर पालिका चुनाव के परिणाम सामने आने लगे हैं। शुरुआती चरण में ही दो प्रत्याशियों के बीच में सबसे बड़ा अंतर जबलपुर में चल रहा है। लंच टाइम तक कांग्रेस के प्रत्याशी जगत बहादुर अन्नू भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉ जितेंद्र जामदार से 10000 से ज्यादा वोटों के अंतर से आगे चल रहे थे। भारतीय जनता पार्टी की इतनी शर्मनाक स्थिति, पूरे मध्यप्रदेश में कहीं दिखाई नहीं दी। भाजपा यहां लगभग 44000 वोटों से हारी है।

नड्डा, शिवराज और शर्मा तीनों के दामन पर दाग 

जबलपुर में भारतीय जनता पार्टी की हार केवल एक प्रत्याशी और एक नगर निगम की हार नहीं है। इस चुनाव परिणाम ने भाजपा के 3 बड़े नेताओं के दामन पर दाग लगा दिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनाव के कुछ समय पहले ही जबलपुर में एक बड़ी रैली की थी। जबलपुर से जमाई राजा है, जबरदस्त स्वागत हुआ था। 

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा जबलपुर के जमाई राजा है। उनकी ससुराल में भारतीय जनता पार्टी का हार जाना, चिंता का ना सही चर्चा का विषय तो है। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉक्टर जितेंद्र जामदार सीएम शिवराज सिंह चौहान के पसंद के प्रत्याशी थे। इसलिए दाग तो शिवराज सिंह के दामन पर भी लगा है।

सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशी का चयन करने में बड़ी गलती की। वैसे भी जबलपुर में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ काफी माहौल बना हुआ है। सबसे प्रमुख बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं का आम जनता के साथ जिस प्रकार का व्यवहार हो रहा है, वह लोगों को स्वीकार्य नहीं है।

कुछ बातें जो जनता को पसंद नहीं आई
  • रेमदेसीविर इंजेक्शन कांड में डॉ जितेंद्र जामदार ने सरबजीत मोखा को बचाने का प्रयास किया था। चुनाव के समय लोगों ने एक दूसरे को यह बात बार-बार याद दिलाई। 
  • चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ने जिस प्रकार डॉक्टर जामदार की तारीफ में कसीदे पढ़े, लोगों को पसंद नहीं आए। 
  • चुनाव प्रचार के दौरान डॉक्टर जामदार की बॉडी लैंग्वेज कुछ इस प्रकार की थी जैसे चुनाव लड़ कर वह जबलपुर पर कोई एहसान कर रहे हैं। 

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