जबलपुर। मेडिकल यूनिवर्सिटी परीक्षा घोटाले में जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट के रिकॉर्ड पर ले ली गई। हाई कोर्ट के पूर्व निर्देश के पालन में मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी, जबलपुर में परीक्षा घोटाले की जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश कर दी गई थी। इसके बाद सीलबंद लिफाफ़ा खोला गया। उसे रिकार्ड पर ले लिया गया।
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने इसे रिकार्ड पर लेकर इसकी प्रति याचिकाकर्ता के वकील को प्रदान करने के निर्देश दिए। हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति केके त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने यह रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी।
जबलपुर निवासी अंकिता अग्रवाल, अरविंद मिश्रा व अन्य की ओर से जनहित याचिकाएं दायर की गई। वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, अमिताभ गुप्ता व आरएन तिवारी ने कोर्ट को बताया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी में बड़े पैमाने पर छात्रों को पास कराने के लिए रिश्वत ली गई। पास कराने के लिए छात्रों से आनलाइन रकम ली गई। परीक्षा का काम देख रही माइंड लाजिस्टिक कंपनी ने भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की।
परीक्षा कराने वाली कंपनी को ई-मेल भेजकर नंबर बढ़वाए गए। घोटाले को उजागर करने वाले अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया।मामले की गत सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रिटायर्ड हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच कराने के निर्देश दिए थे।