जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में कई शिव मंदिर हैं जहां भक्त भोले का अभिषेक करने पहुंचते हैं। लेकिन कुछ मंदिर ऐसे हैं जहां सुबह से रात तक भक्तों का मेला लगता है। कचनार सिटी के बड़े शंकर जी हों या फिर स्वयं भू गुप्तेश्वर महादेव।
शहर के विजय नगर क्षेत्र में 76 फीट ऊंचे भगवान शंकर की प्रतिमा है। जहां सावन के महीने के अलावा महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। 6 एकड़ में बनी कालोनी में मंदिर के लिए भी स्थान छोड़ा गया है। वर्ष 2005 में प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। मंदिर तैयार होने में तीन साल लग गए थे। यहां विशाल प्रतिमा के नीचे गुफा है। जहां 12 ज्योतिर्लिंग हैं। जहां भक्त अभिषेक करते हैं। गुफा के अंदर एक गर्भ ग्रह है जहां पर भगवान आत्मलिंगेश्वर शिवजी, माता पार्वती, गणेश जी एवं कार्तिकेय जी की प्रतिमा स्थापित हैं। यहां सुबह से रात तक मेला भरता है।
मंदिर में स्वयं भू महादेव भगवान विराजमान हैं। यहां सुबह से लेकर रात तक धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। गुप्तेश्वर महादेव रामेश्वरम के उपलिंग हैं। जो गुफा में विराजे हैं। स्वामी डॉ. मुकुंददास महाराज ने बताया कि त्रेता युग में भगवान राम की उत्तर से दक्षिण तक की यात्रा काल का वर्णन पुराणों में आता है। तब भगवान ने यहां महादेव की स्थापना की। इसका उल्लेख नर्मदा पुराण और शिव पुराण के साथ ही कोटि रूद्र संहिता में मिलता है। यहां महाशिवरात्रि में सुबह से रात तक भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया जाता है। इसके अलावा सावन में भगवान की शाही सवारी भी निकाली जाती है।