नियम अनुसार यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि किसी समाचार के कारण उसके सम्मान की हानि हुई है तो वह संबंधित पत्रकार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा कोर्ट में प्रस्तुत कर सकता है। आइए जानते हैं भ्रष्टाचार से संबंधित समाचारों में आरोपी अधिकारी अथवा जनप्रतिनिधि, संबंध पत्रकार के खिलाफ मानहानि का केस फाइल कर सकते हैं या नहीं।
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1860 की धारा 499 (अपवाद क्रमांक 01) की परिभाषा
किसी व्यक्ति के बारे में लांछन लगाना तब अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा:-
1. लगाया गया इल्जाम सत्य हो।
2. किसी लोक कल्याण या जनहित के लिए लगाया गया लांछन हो।
समाचार पत्रों की खबरों पर मानहानि का मामला कब नहीं बनेगा जानिए:-
जवाहरलाल दारदा बनाम मनोहराव तापशीकर :- मामले में उच्चतम न्यायालय स्पष्ट कहा है कि किसी समाचार पत्र के संपादक द्वारा किसी नेता, मंत्री या किसी अधिकारी की जांच के बाद या निर्णय के बाद छापी गई सत्य खबरें मानहानि का अपराध नहीं होगी क्योंकि यह लोकहित के लिए भी आवश्यक होती है एवं सत्य भी होती है।
यही बात इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा विष्णुस्वरूप बनाम नरदेव शास्त्री बाद में कही है अगर कोई समाचार पत्र किसी सत्य बात को छापता है जो लोकहित एवं लोक कल्याण के लिए आवश्यक होगी वह अपराध नहीं होगा।
आर्थात साधारण शब्दों में कहे तो भारतीय दंड संहिता की धारा 499 का अपवाद क्रमांक 01 यह कहता है कि कोई भी लांछन या इल्जाम मानहानि का अपराध नहीं होगा जब वह सत्य एवं लोकहित में होगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com