भारत गाँवो का देश है। यहाँ की अधिकांश जनता गावों में निवास करती है एवं निर्धन, अशिक्षित भी है। मार्केट में उसे जो कुछ भी मिलता है वह उसे सहज भाव में खरीद लेती हैं। गाँव के लोग कभी वस्तुओं की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देते हैं क्योंकि अधिकांश व्यक्ति विक्रेता पर भरोसा करते हैं। परिणाम यह होता हैं कि वस्तुओं का पूरा पैसा देने के बाद भी सही वस्तु नहीं मिलती हैं। इसी कारण घटिया क्वालिटी एवं अपमिश्रण वस्तुओं का क्रय विक्रय एक आम बात हो गई हैं और इसी कारण आज जीवनदायिनी औषधियों तक मे मिलावट की जाने लगी हैं।
आज उपभोक्ता(ग्राहक) दोहरी मार का शिकार हैं एक तो बढ़ती हुई मंहगाई की मार दूसरी घटिया क्वॉलिटी एवं अपमिश्रित वस्तुओं की मार इस सब को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,1986 पारित किया गया। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता(ग्राहक) के हितों की सुरक्षा करना एवं घटिया क्वालिटी की वस्तुओं एवं सेवाओ से हानि होने पर ग्राहकों को क्षतिपूर्ति दिलवाना हैं।
ग्राहक किस प्रकार अपनी शिकायत कर सकता है जानिए:-
ग्राहक स्वयं या अपने वकील के माध्यम से शिकायत कर सकता है इसके लिए कोई शुल्क देने की आवश्यकता नहीं होती है। शिकायत आवेदन में निम्न तथ्यों (बिंदु) का होना आवश्यक है-
(i). शिकायतकर्ता का नाम एवं पता।
(ii). विरोधी पक्ष का नाम एवं पता।
(iii). शिकायत से सम्बंधित बाते एवं कब और कैसे उत्पन्न हुई।
(iv). शिकायत में वर्णित साक्ष्य संबंधित दस्तावेज जैसे बिल, वारण्टी/गारन्टी कार्ड आदि।
(v). रिलीफ(अनुतोष) जो शिकायतकर्ता चाहता है।
(vi). आवेदन में अंत में शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर होना चाहिए।
शिकायत किसके समक्ष होगी जानिए:-
• जिला स्तर पर जिला फोरम को पांच लाख रुपए तक की वस्तु या सेवा की।
• राज्य स्तर पर राज्य आयोग को 20 लाख रुपए की वस्तु एवं सेवा की सुनवाई होगी।
• राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय आयोग में 20 लाख से अधिक रुपये की वस्तु एवं सेवा की सुनवाई होगी।
इसी प्रकार जिला फोरम के निर्णय के विरुद्ध अपील राज्य आयोग में की जा सकती है एवं राज्य आयोग के निर्णय के विरुद्ध अपील राष्ट्रीय आयोग में की जा सकती है।
ग्राहक हमेशा निम्न बातो को याद रखे वस्तु खरीदते समय
1. किसी वस्तु या सेवा में वारंटी/गारंटी कार्ड सुविधा उपलब्ध हो तो वह ले।
2. ISI एवं एगमार्क वाली वस्तुओं को खरीदे।
3. पैकिंग दिनांक एवं अंतिम दिनांक को आवश्यक देख ले।
4. सभी वस्तुओं का बिल आवश्यक ले।
5. भ्रमित विज्ञापनों में न पड़ें।
नोट:- सेवा के क्षेत्र में अगर कोई हॉस्पिटल दो हजार रुपए लेकर मरीज का इलाज शुरू करती है इलाज के दौरान और पैसों की मांग करता है और व्यक्ति द्वारा न देने पर इलाज बन्द कर दे तब इसकी शिकायत जिला उपभोक्ता फोरम में की जा सकती है।
इसी प्रकार अगर कोई नकली दवाई या वस्तु बेचता है और ग्राहक को उससे क्षिति हो गई है तब इसकी क्षतिपूर्ति के लिए वह जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकता है।
"इस प्रकार हम कह सकते हैं कि प्रत्येक उपभोक्ता(ग्राहक) को दुकानदार से बिल लेना चाहिए एवं गारन्टी/वारण्टी कार्ड दिया जा रहा है वह भी लेना चाहिए क्योंकि आप पैसे देकर वस्तु ले रहे है। अगर आपकी वस्तु गलत निकलती है तो आप इसकी शिकायत करने का अधिकार रखते हैं अन्यथा आप बिना साक्ष्य के कुछ नहीं कर सकते हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com