क्या कोर्ट में स्थानीय भाषा में बहस एवं कार्यवाही की जा सकती है- Legal General knowledge

Bhopal Samachar
किसी देश की भाषा और उसका साहित्य उस देश की सभ्यता और संस्कृति का दर्पण होता है। भारत विविधता में एकता का एक अनूठा उदाहरण हैं यहाँ विभिन्न जाति, धर्म एवं संस्कृति के लोग निवास करते हैं। अतः विभिन्न भाषाओं का होना भी स्वाभाविक है। इसलिए भारतीय संविधान की अनुसूची आठ में 22 भाषाओं को मान्यता प्राप्त है।

क्या हिन्दी भारत की राष्ट्रीय भाषा है जानिए:-

राजभाषा बनाम राष्ट्रभाषा:- कभी कभी यह कहा जाता है कि हिन्दी को संविधान के अधीन राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्वीकार किया गया है। यह कथन बिल्कुल गलत है, संविधान के अधीन किसी भाषा को राष्ट्रीय भाषा के रूप में नहीं अपनाया गया है। इसके अधीन हिंदी को केवल राजभाषा के रूप में रखा गया है। अतः यह समझ लेना गलत होगा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा हैं।

न्यायालय की भाषा क्या होगी जानिए:-

दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 272 राज्य सरकार को यह शक्ति देती है की वह उच्च न्यायालय को छोड़कर अन्य सभी न्यायालय में अपने-अपने राज्य की भाषा का प्रयोग कर सकते हैं।

उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय की भाषा क्या होगी जानिए:-

(i). भारतीय संविधान अधिनियम, 1950 के अनुच्छेद 348 के अनुसार सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट में सभी कार्यवाही अंग्रेजी भाषा में होगी।
(ii). लेकिन राज्य का राज्यपाल राष्ट्रपति की अनुमति से राज्य के हाईकोर्ट में राज्य की भाषा का प्रयोग करने के लिए प्राधिकृत कर सकता है लेकिन निर्णय, डिक्री, आदेश आदि अंग्रेजी में ही होंगे।

(iii). राज्य सरकार या विधान-मंडल अधिनियम, विधेयक, नियम, विनियम आदि अपनी भाषा में दे सकता है लेकिन उनका अंगेजी में अनुवाद भी करना होगा।

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उक्त वाद में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान एक पक्षकार ने हिंदी में बहस करने की अनुमति मांगी इस पर विपक्षी की ओर से आपत्ति की गई कि उसे हिंदी का ज्ञान नहीं है, अतः बहस अंग्रेजी में ही की जानी चाहिए। इस पर उच्चतम न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया कि वह अंग्रेजी भाषा में ही बहस कर सकता है एवं वह किसी वकील को पैरवी के लिए रख सकता है या वह अंगेजी भाषा में लिखित बहस प्रस्तुत कर सकता है। अतः उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया कि बहस सिर्फ अंगेजी भाषा में ही होगी।

सामान्य शब्दों में अगर हम कहे तो राज्य सरकार जिला एवं सत्र न्यायालय, उसके अधीन अन्य कोई भी न्यायालय, सिविल न्यायालय आदि में अपने राज्य की स्थानीय भाषा का प्रयोग कर सकती है लेकिन हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ अंगेजी भाषा का ही प्रयोग होगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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