भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए सरकारी सिस्टम एक्टिवेट हो गया है। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने सभी सरकारी एवं प्राइवेट 1360 कॉलेज और 56 यूनिवर्सिटी से एक खास किस्म की मंथली रिपोर्ट मांगी है। इसमें बताना होगा कि कितने स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट मिली, लोन मिला और कितने स्टूडेंट्स ने अपना स्टार्टअप शुरू किया। स्वभाविक है इस डेटा का उपयोग विज्ञापन के लिए किया जाएगा।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के शासकीय, अशासकीय विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों से रोजगार, स्व-रोजगार, उद्यमिता और प्लेसमेंट प्राप्त विद्यार्थियों की जानकारी चाही गई है। यह जानकारी अभी तक केवल शासकीय महाविद्यालयों और कुछ विश्वविद्यालयों से ही प्राप्त होती थी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 तथा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के बहाने से उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थाओं से प्रतिमाह उक्त जानकारियाँ चाही हैं। अब प्रदेश के सभी 56 विश्वविद्यालयों और 1360 कॉलेजों द्वारा प्लेसमेंट एवं रोजगार, स्व-रोजगार की जानकारी प्रतिमाह स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना के अधिकारिक ईमेल एड्रेस पर भेजना होंगी।
पहले बेरोजगारों की जानकारी मांगते थे
अब से पहले तक सरकारें बेरोजगारों की जानकारी मांगती थी, ताकि उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। उनके स्वरोजगार के लिए योजनाएं बनाई जा सके। उनके लिए वर्कशॉप प्लान किए जा सके। सर्वे करके यह पता लगाया जा सके कि उनकी योग्यता क्या है और उन्हें किस तरह के रोजगार से जोड़ा जा सकता है। अब से पहले तक सरकारें चुनावी साल में कल्याणकारी योजनाएं युद्ध स्तर पर संचालित करती थी। पहली बार सरकार का पूरा फोकस समस्याओं के समाधान नहीं बल्कि पिछले प्रचार अभियान पर है।