जबलपुर। मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी ने बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी की थर्ड और सेकेंड ईयर की दो छात्रा बिना परीक्षा दिए ही पास हो गई। यह जानकारी जब उन छात्रों को लगी जो कि परीक्षा में बैठने के बाद भी फ़ेल हो गए तो उन्होनें परीक्षा परिणाम पर आपत्ति जाहिर की।
मेडिकल यूनिवर्सिटी ने बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी सेकंड ईयर(मेडिशन) का रिजल्ट 1 जुलाई को जारी किया। सूत्रों के मुताबिक जारी किए गए रिजल्ट में उन छात्राओं को पास कर दिया जो कि अनुपस्थित थी। उसमें अंकसूची के पेज नंबर 47 के सरल क्रमांक 657 में बीपीटी थर्ड ईयर और पेज नंबर 10 में सरल क्रमांक 19 के बीपीटी सेकेंड ईयर के छात्र अनुपस्थित थे उसके बाद भी रिजल्ट जारी कर उन्हें पास कर दिया।
जो छात्र परीक्षा में शामिल होने के बाद और अच्छा पेपर करने के बाद भी फेल हो गए, उन्होंने एग्जाम कंट्रोलर को घेरा पर उनके पास इस गलतीं का कोई जवाब नही था। इसी तरह बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी थर्ड ईयर की (पी.टी न्यूरो) का रिजल्ट 14 जुलाई को आया जिसमे भी बिना परीक्षा दिए छात्रा पास हो गई।
बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी के रिजल्ट में इतनी बड़ी लापरवाही होने के बाद अब छात्रों में उन छात्रों में आक्रोश है जो की परीक्षा में बैठने के बाद भी फेल हो गए। मेडिकल यूनिवर्सिटी के सूत्रों के मुताबिक रिजल्ट में लापरवाही के उजागर होने के बाद आनन फानन में मेडिकल यूनिवर्सिटी परीक्षा में अनुपस्थित छात्राओं की आंसरशीट तलाश करने लगा पर छात्राओं के अनुपस्थित होने के कारण उनकी उत्तर पुस्तिका मिलना मुमकिन नही था। लिहाजा गुपचुप तरीके से मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रबंधन दोनों ही छात्राओं से आंसरशीट लिखवाता की उससे पहले ही बी.पी.टी की एक छात्रा ने हंगामा कर दिया।
सूत्र बताते है कि गंभीर लापरवाही करने के बाद मेडिकल यूनिवर्सिटी कुछ न कुछ बहाना बनाकर मामले को हर बार शांत कर देती है। पर इस बार जो कारनामा एम.यू ने किया है वो शांत होने वाला नही है क्योंकि 30 जुलाई को दीक्षांत समारोह होना है और नाराज छात्र राज्यपाल से मुलाकात कर मेडिकल यूनिवर्सिटी का काला चिट्ठा खोलने की तैयारी में है।