जबलपुर। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में कलेक्टर ने अज्ञात व्यक्ति की शिकायत के आधार पर एक कर्मचारी को जिले के दूसरे कार्यालय में अटैच कर दिया। पीड़ित कर्मचारी ने हाई कोर्ट में कलेक्टर के आदेश को चुनौती दी और हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश को स्थगित कर दिया।
श्री मनीष कुमार जैन, सहायक ग्रेड 2 कार्यालय जनपद पंचायत, घंसौर, जिला सिवनी में पदस्थ है। कलेक्टर, सिवनी द्वारा कथित शिकायतों एवं कथित एकपक्षीय जांच के आधार पर, श्री जैन को दिनाँक 13/05/22 को जनपद पंचायत, क़ुरई में सलग्न कर दिया था।
अपने अटैचमेंट से पीड़ित होकर, उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष श्री जैन के द्वारायाचिका प्रस्तुत की गई थी। श्री जैन की ओर, से पैरोकार वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने उच्च न्यायालय के समक्ष तर्क देते हुए, बताया कि याचिकाकर्ता को, अज्ञात व्यक्ति की शिकायत के आधार पर, सुनवाई के अवसर दिये बिना एवं एकपक्षीय कथित जाँच विचाराधीन होने के कारण दंडस्वरूप , जनपद पंचायत क़ुरई संलग्न किया गया है। जबकि दंडस्वरूप ट्रांसफर विधि विरुद्ध है एवं सीईओ, जनपद पंचायत, घंसौर द्वारा इस बात का खंडन किया गया है, श्री जैन के विरुद्ध कोई शिकायत लंबित है।
कोर्ट का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट किया गया कि, सामान्य प्रशासन की ट्रांसफर नीति के क्लॉज़ 56 के अनुसार, द्वारा सभी प्रकार के संलग्नीकरण पर प्रतिबंध है। अपितु, कर्मचारी को संलग्न कर दिया है।
उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी की दलीलों से सहमत होकर , विभाग सहित कलेक्टर एवं अन्य लोगो से जबाब तलब करते हुए, संलग्नीकरण आदेश दिनाँक 13/05/22 को स्टे कर दिया गया है एवं श्री जैन को जनपद पंचायत, घंसौर में कार्य मे कार्य करने की अनुमति प्रदान की है।