जबलपुर। मध्यप्रदेश में लगातार कई जगह बिजली गिरने की घटनाएं भी हो रही हैं। 37 दिन में ही 90 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की आपदा प्रबंधन शाखा ने आकाशीय बिजली से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
आकाशीय बिजली साल के किसी भी समय गिर सकती है, जून-जुलाई में आमतौर पर ऐसी घटनाएं सबसे अधिक होती हैं। दोपहर और शाम 6 बजे के बीच आकाशीय बिजली की घटनाएं सर्वाधिक देखी गई हैं। रबर सोल के जूते या टायर से बचाव नहीं हो सकता। तूफान आने के पहले या बाद में भी ऐसी घटना हो सकती है।
घर-ऑफिस में सुरक्षित रहने के उपाय
इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंट के संपर्क में नहीं रहें। इनका पावर प्लग निकाल दें। कम्प्यूटर, लैपटॉप, गेम सिस्टम, वॉशर, ड्रायर, स्टोव या इलेक्ट्रिकल आउटलेट से जुड़ी चीजों का यूज न करें। घर का अर्थिंग होना सुनिश्चित कर लेना चाहिए। खिड़कियां, दरवाजे बंद रखें। खुले हुए खिड़की, दरवाजे और मेटल की चीजों के पास खड़ न रहें। कंक्रीट के फर्श पर न लेटें। कंक्रीट की दीवारों से भी दूर रहें। पानी की मेटल पाइपलाइन से भी दूर रहें। अगर आपके इलाके में गाज गिरने का अलर्ट है तो कॉर्डलेस फोन यूज करने से बचें।
प्रवाहकीय सामग्री (कंडक्टिव- जिससे करंट फैल सकता है) से दूर रहें। ऊंची संरचनाओं (खंभे, पेड़, छत, मचान) से दूर रहें। विस्फोटकों के क्षेत्र में हैं, तो यहां से तुरंत सुरक्षित स्थल की ओर चले जाएं। दोपहिया वाहन से दूर रहें। ये वाहन बिजली को आकर्षित कर सकते हैं। पानी से दूर रहें। पानी बिजली को आकर्षित करता है। यदि आप सड़क पर हैं, लेकिन सुरक्षित स्थल में नहीं जा सकते हो, तो कोई ऐसी गाड़ी जिसकी छत मजबूत हो, सुरक्षित स्थल हो सकता है।
खेतों, औद्योगिक स्थान, लोडिंग और अनलोडिंग जैसे निर्माण और सामग्री हैंडलिंग वाली जगहों पर काम करने वाले लोग अधिक प्रभावित होते हैं। एक जगह पर कई बार वज्रपात हो सकता है। विशेष रूप से ऊंची नुकीली संरचना और पेड़ों से यह घटना होती है। यदि आप ऊंचाई वाले खुले स्थान में घिर गए हैं, तो निचले स्थल की तरफ चले जाना चाहिए। यदि आपको बिजली चमकने के 10 सेकंड के बाद गर्जन सुनाई देती है, तो इसका मतलब है कि वो आपसे 3 किमी दूर है। तत्काल ही सुरक्षित जगह ढूंढें। गर्जन सुनने के बाद 30 मिनट तक सुरक्षित स्थल पर रहें। यदि समूह में हैं, तो अलग-अलग खड़े हो जाएं।
एक्शन प्लान के निर्देश
सरकारी अस्पतालों में आकाशीय बिजली, तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों के लिए आपातकालीन सेवा का स्पेसिफिक एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। प्राप्त संख्या में मेडिकल स्टाफ और सुविधाएं सुनिश्चित करने की पूर्व व्यवस्था कर ली जाए। जीवन रक्षक दवाइयों की उपलब्धता समस्त सरकारी अस्पतालों, ग्रामीण क्षेत्रों में डिपो होल्डर आशा कार्यकर्ताओं के पास सुनिश्चित की जाए। बहु-उद्देशीय कार्यकर्ताओं आशा कार्यकर्ताओं और आशा पर्यवेक्षक को स्थानीय स्तर पर आपात सेवा स्थापित करने के निर्देश दिए जाएं।