भोपाल। मध्यप्रदेश में स्थिति गंभीर होती जा रही है। अभी तो मानसून शुरू हुआ है और आकाशीय बिजली गिरने से 90 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। उल्लेख अनिवार्य है कि 2021 के पूरे सीजन में 116 लोगों की मृत्यु हुई थी। यानी कि इस सीजन में वज्रपात और उसका शिकार होने वाले नागरिक दोनों की संख्या बहुत ज्यादा है।
वज्रपात का खतरा किन लोगों पर ज्यादा होता है
इस मामले में ज्ञान बढ़ाने की नहीं जान बचाने की जरूरत है इसलिए हम आपको बताएंगे कि बादलों से गिरने वाली बिजली से बचने के क्या उपाय हो सकते हैं। सबसे पहले यह समझ लीजिए कि वज्रपात का खतरा उन लोगों पर सबसे ज्यादा होता है जो मौसम खराब होने पर भी खेतों में काम कर रहे होते, किसी पेड़ के नीचे छुपे होते हैं या फिर नदी तालाब अथवा ऐसे किसी जलाशय में उपस्थित होते हैं।
घर के अंदर वज्रपात से बचने के लिए क्या करें
यदि आप घर के अंदर हैं और बादलों की गड़गड़ाहट सुनाई देती है तो तत्काल सभी इलेक्ट्रिक एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग निकाल दें। केवल स्विच ऑफ करने से काम नहीं चलता। डिस्कनेक्शन जरूरी है।
खिड़कियां एवं दरवाजे बंद कर दें। खुले बरामदे और छत पर ना जाएं।
ऐसी हर चीज से दूर रहें जहां करंट आने की संभावना है। रबर की स्लीपर या प्लास्टिक की चप्पल पहने।
धातु से बने पाइप, नल, फव्वारा, वाश बेसिन आदि के संपर्क से दूर रहे।
घर के बाहर आकाशीय बिजली से बचने के लिए क्या करें
वृक्ष बिजली को आकर्षित करते हैं। इसलिए मौसम खराब होने पर उनके पास ना जाएं।
ऊंची इमारतों वाले क्षेत्र में आश्रय न लें।
समूह में खड़े होने के बजाय अलग- अलग हो जाएं।
किसी निर्मित भवन में आश्रय लेना बेहतर है।
यदि आप किसी वाहन में है तो मौसम खराब होने पर भी उसी में बने रहे।
खुली छत वाले वाहन की सवारी न करें।
धातु से बने वस्तुओं का उपयोग न करें।
बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा तार की बाड़ और मशीन आदि से दूर रहें।
तालाब और जलाशयों से दूर रहें।
यदि आप पानी के भीतर हैं, अथवा किसी नाव में हैं तो तुरंत बाहर आ जाएं।
वज्रपात का पूर्वानुमान कैसे लगाएं
यदि आकाशीय बिजली चमक रही है और आपके सिर के बाल खड़े हो जाएं व त्वचा में झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे झुककर कान बंद कर लें। क्योंकि यह इस बात का सूचक है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है।
वज्रपात के शिकार व्यक्ति का प्राथमिक उपचार कैसे करें
बिजली का झटका लगने पर जरूरत के अनुसार व्यक्ति को सीपीआर, कार्डियो पल्मोनरी रेसिटेंशन यानि कृत्रिम सांस देनी चाहिए। तत्काल प्राथमिक चिकित्सा देने की व्यवस्था करनी चाहिए।