भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त श्री अरविंद कुमार शुक्ला के सरकारी जलवे की जांच सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सूचना का अधिकार आंदोलन के संयोजक अजय दुबे की शिकायत को GAD के पास फॉरवर्ड कर दिया है।
अजय ने अपनी शिकायत में बताया था कि भारत के प्रधानमंत्री ने 2019 में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में संशोधन कर केंद्र अथवा राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त एवं सभी सूचना आयुक्त को निर्वाचन आयुक्त के समकक्ष मिलने वाली सुविधाओं पर रोक लगा दी है। श्री ए के शुक्ला की नियुक्ति मार्च 2019 में हुई है। तब से लेकर अब तक श्री शुक्ला अपने निजी दौरा में भी मध्यप्रदेश के संबंधित जिला प्रशासन एवं जिला पुलिस से पायलट वाहन और फॉलो वाहन मांग कर उपयोग करते हैं।
हाल में ही 20 जून से 22 जून तक एक वैवाहिक कार्यक्रम हेतु भोपाल से इंदौर जाते समय और वापस आते समय श्री शुक्ला ने इस सुविधा का उपयोग किया। इसकी पुष्टि भोपाल सीहोर देवास इंदौर के पुलिस प्रशासन से को जा सकती है।
श्री दुबे ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि श्री शुक्ला को सरकारी खर्चे पर सिक्योरिटी गार्ड की पात्रता नहीं लेकिन फिर भी भोपाल की पुलिस लाइन से दो सशस्त्र सुरक्षाकर्मी उनके पास तैनात रहते हैं और मामलों की सुनवाई के समय वर्दी में खड़े रहते हैं जिसके कारण आम नागरिकों में अनावश्यक मानसिक दबाव की स्थिति बनती है। श्री दुबे ने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा समिति ने श्री शुक्ल को यह सुरक्षा प्रदान नही की है।
शिकायतकर्ता श्री अजय दुबे ने मुख्य सूचना आयुक्त श्री ए के शुक्ला को प्राप्त सुविधाएं एवं सुरक्षा वापस लेने एवं उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने उनकी शिकायत को दिनांक 18 जुलाई 2022 को नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को प्रेषित कर दिया है। अब देखना यह है कि सामान्य प्रशासन विभाग इस मामले में कब तक कार्रवाई करता है।