भोपाल। लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश के संचालक केके द्विवेदी ने खंडन के नाम पर राजधानी के प्रख्यात पत्रकार अनुराग द्वारी की खबर की पुष्टि कर दी। अनुराग ने इसके साथ एक फोटो और शेयर की है जिसमें नई-नई साइकिल कबाड़ होती हुई दिखाई दे रहीं है।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के सचिवालय का स्पष्ट निर्देश है कि सभी डिपार्टमेंट के हेड संबंधित समाचारों पर कार्रवाई करें और यदि समाचार गलत है तो उसका खंडन जारी करें। प्रख्यात पत्रकार अनुराग द्वारी ने शासकीय स्कूलों में विद्यार्थियों को सरकार की तरफ से दी जाने वाली साइकिल के संदर्भ में एक समाचार का प्रसारण किया। डीपीआई के डायरेक्टर ने इसी समाचार के खंडन के नाम पर समाचार की पुष्टि करते हुए स्वीकार किया कि आज दिनांक तक साइकिल वितरण नहीं हुआ है।
उन्होंने माना कि खरीदी की प्रक्रिया चल रही है। बताया कि इंदौर और भोपाल में स्टूडेंट्स को शॉपिंग वाउचर दिए जाएंगे लेकिन स्वीकार किया है कि अभी तक वाउचर नहीं दिए गए हैं। संचालक श्री द्विवेदी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष बची हुई साइकिल का समायोजन अगले वर्ष में कर लिया जाता है लेकिन स्वीकार किया कि शिक्षा सत्र 2019-20 में जो साइकिल बची थी उनका समायोजन 20-21 एवं 21-22 में नहीं किया गया।
श्री द्विवेदी ने जोर देकर कहा कि सन 2019 में खरीदी गई साइकिलें अभी कबाड़ नहीं हुई है लेकिन स्वीकार किया कि उनमें मरम्मत की जरूरत है। यहां द्विवेदी जी को बताना जरूरी है कि राजनीति और समाचारों में कबाड़ का मतलब होता है अनुपयोगी। 2019 में जो साइकिल खरीदी गई, वह आज की तारीख में उपयोग के योग्य नहीं है। उन्हें वितरित नहीं किया जा सकता। उन्हें चलाया नहीं जा सकता। सबसे बड़ा सवाल यह है कि नई साइकिल की जगह 3 साल पुरानी मरम्मत वाली साइकिल कौन लेगा।