भोपाल। शासकीय उचित मूल्य दुकानों को बहुउद्देशीय दुकानों में बदला जायेगा। शासकीय उचित मूल्य दुकानों से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खाद्यान्न्वितरण के साथ अन्य खाद्य वस्तुएँ और सेवाओं को भी विक्रेता द्वारा उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाया जाएगा। नई व्यवस्था में शासकीय दुकानों के संचालन के संबंध में सहकारिता एवं खाद्य विभाग द्वारा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
निर्देश में शासकीय उचित मूल्य दुकानों के विक्रेताओं को दैनंदिन उपयोग की सामग्री दुकान से विक्रय करने की व्यवस्था के लिए कहा गया है। निर्देशों में अपेक्षा की गई है कि नई व्यवस्था से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकानें आकर्षक, स्वावलंबी और लाभदायक बनेंगी। शासकीय उचित मूल्य दुकान को बहुद्देश्यीय बनाये जाने के संबंध में वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए आवश्यक अनुज्ञप्तियों जैसे पेन नम्बर, टेन नंबर, जीएसटी और गुमाश्ता पंजीयन आदि अर्हताओं को प्राप्त करने का दायित्व संबंधित उचित मूल्य दुकान के विक्रेता/प्रबंधक का व्यक्तिगत होगा।
वस्तु की गुणवत्ता के लिये खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के प्रावधानों का पालन करना होगा। जो सामग्री सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित होती है, उसकी वस्तुएँ बहुद्देश्यीय उपभोक्ता सेवा केन्द्र पर नहीं रखी जायेगी। वस्तुओं का विक्रय उसी दर पर करना होगा, जो आपूर्तिकर्ता कम्पनी एवं विक्रेता के मध्य निर्धारित हो।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत पात्र परिवारों को राशन सामग्री वितरण के साथ उचित मूल्य दुकानों से अन्य सामग्री प्राप्त करने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा। हितग्राही द्वारा स्वेच्छा से अन्य सामग्री प्राप्त करने की स्वतंत्रता होगी। केन्द्र के संचालन के लिए विक्रेता और पैक्स के बीच पहले 2 वर्ष के लिये अनुबंध होगा, जिसे दोनों पक्षों की सहमति से आगे बढ़ाया जा सकेगा।
अनुबंध अवधि में यदि विक्रेता केन्द्र का संचालन बंद करना चाहे तो वह पैक्स को 03 माह की अग्रिम सूचना देकर केन्द्र का संचालन बंद कर सकेगा। उचित मूल्य दुकान के संचालन में विवाद, अनियमितता की शिकायत पर जिला कलेक्टर द्वारा एक त्रि-स्तरीय कमेटी (एसडीएम/डिप्टी कलेक्टर, खादय विभाग का अधिकारी एवं सहकारिता विभाग का अधिकारी) का गठन किया जाएगा।