जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त शिक्षकों को अर्जित अवकाश के भुगतान का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय को बताया गया था कि शासन द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान शासन अर्जित अवकाश के भुगतान रोकने का कोई कानूनी कारण नहीं बता पाया।
न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्षम मामले की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता मंडला निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक विष्णु प्रसाद झारिया, उमराव सिंह तेकाम, काशीराम उईके, नवल सिंह परस्ते, गणेश सिंह वाल्के, गोकुल प्रसाद पडवार व गुलाब सिंह मरावी की ओर से अधिवक्ता अनिरुद्ध पांडे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि मध्य प्रदेश शासन, वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के तहत एक जुलाई, 2018 के पहले सेवानिवृत्त हुए शासकीय कर्मचारियों को 240 दिन व एक जुलाई, 2018 के बाद सेवानिवृत्त शिक्षकों को 300 दिनों के अर्जित अवकाश की पात्रता है।
याचिकाकर्ताओं ने सेवानिवृत्ति के बाद कई बार आवेदन-निवेदन किया लेकिन डिपार्टमेंट द्वारा समुचित कार्रवाई नहीं की गई। इसीलिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद डिसीजन दिया कि याचिकाकर्ताओं को नियमानुसार 300 दिनों का अर्जित अवकाश भुगतान किया जाए।