भोपाल। अपेक्स इंटरनेशनल स्कूल तिलावाद शाजापुर की स्कूल बस बरसाती नाले में फस गई। यह कोई हादसा नहीं था बल्कि ड्राइवर ने जानबूझकर बस में सवार 25 मासूम विद्यार्थियों की जान खतरे में डाल दी थी। यहां याद दिलाना जरूरी है कि हाईकोर्ट के अनुसार स्कूल बस और उसमें सवार विद्यार्थियों की जिम्मेदारी स्कूल संचालक की ही होती है। चाहे वह स्कूल बस किसी ठेकेदार की क्यों ना हो।
बताया गया है कि स्कूल बस बच्चों को लेकर बिकलांखेड़ी छोड़ने जा रही थी और नदी उफान पर आ गई थी। पुलिया के ऊपर से पानी बह रहा था। नियम अनुसार ऐसी स्थिति में किसी भी यात्री वाहन को आगे बढ़ाना एक गंभीर अपराध है। बस के ड्राइवर ने नदी में बाढ़ होने के बावजूद बस को आगे बढ़ा दिया। बाढ़ के पानी में जाकर स्कूल बस फंस गई।
पुलिस, पटवारी, कोटवार कोई नहीं था, ग्रामीणों ने रेस्क्यू किया
जैसे ही उफनते नाले पर स्कूली बस बंद हुई, वैसे ही बस में बैठे बच्चों ने चिलाना शुरू कर दिया। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर नाले के किनारे पर खड़े ग्रामीणजनों ने अपने तरीके से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। ग्रामीणों ने पहले रस्सी के सहारे स्कूल बस को निकालने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाए। पानी का बहाव काफी तेज था। उसके बाद ट्रैक्टर की मदद से स्कूल बस को निकाला गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन में आधे घंटे से अधिक का समय लगा। इस दौरान बस में सवार 25 बच्चों की जान खतरे में थी। समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने बस ड्राइवर को गिरफ्तार नहीं किया था और ना ही कलेक्टर ने स्कूल संचालक के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे।