भोपाल। महाराष्ट्र में तख्तापलट हो गया। मुख्य भूमिका निभाने वाले एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन गए। मध्य प्रदेश के सभी भाजपा नेता इसे अपनी विचारधारा की जीत बता रहे हैं परंतु ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक ठंडी आहें भर रहे हैं। सबके मन से सिर्फ एक ही लाइन निकल रही है, काश सिंधिया भी, शिंदे जैसे होते।
दरअसल महाराष्ट्र में जो कुछ भी हुआ उसने मध्य प्रदेश की यादें ताजा कर दी। शुरुआत में कहा गया कि एकनाथ शिंदे, ज्योतिरादित्य सिंधिया की लाइन पर चल रहे हैं। कुछ सिंधिया समर्थकों ने दावा किया कि महाराष्ट्र के तमाम घटनाक्रम के पीछे ज्योतिरादित्य सिंधिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। सोशल मीडिया पर सिंधिया ही शिंदे है, खूब वायरल हुआ लेकिन जैसे ही एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मध्यप्रदेश में सिंधिया समर्थकों के चेहरों पर भाव बदल गए।
सिंधिया समर्थकों का मानना है कि यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया चाहते तो वह भी एकनाथ शिंदे की तरह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बन सकते थे। महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस, मध्य प्रदेश के किसी भी भाजपा नेता से ज्यादा पावरफुल हैं। सब कुछ आसानी से हो सकता था परंतु ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केंद्रीय मंत्री बन कर अपने हजारों समर्थकों को भाजपा के स्थानीय नेताओं के पीछे लाइन में खड़ा कर दिया।