पढ़ाई हो या करियर, सफलता के लिए कोशिश सभी करते हैं लेकिन ज्यादातर लोग एक छोटी सी गलती करते हैं और बाकी बची जिंदगी न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए न्यूनतम सफलता हेतु संघर्ष करते हुए बिता देते हैं। इस छोटी सी कहानी से समझिए सफलता का पहला और अनिवार्य सूत्र क्या है।
चिड़िया और शैतान आदमी की कहानी / Story of a Sparrow and demon man
एक चिड़िया रोज अपना घोंसला बनाने के लिए तिनके इकट्ठा करती थी और वह शैतान आदमी रोज उस चिड़िया का घोंसला तोड़ देता था। ऐसा कई महीनों तक चलता रहा परंतु चिड़िया ने घोंसला बनाना बंद नहीं किया लेकिन उस शैतान आदमी ने आखिर थक हार कर चिड़िया का घोंसला तोड़ना बंद कर दिया और फिर कुछ ही दिनों में चिड़िया ने अपने घोसलें में अंडे दिए। जिनमें से प्यारे-प्यारे चिड़िया के बच्चे बाहर आए।
उन नन्हें-नन्हें प्यारे बच्चों को देखकर वह आदमी भी बहुत खुश हुआ, उनकी देखभाल करने लगा, उनके लिए दाने डालने लगा। एक दिन उसने चिड़िया से पूछा कि मैं तो तुम्हारा घोंसला रोज तोड़ देता था परंतु तुमने अपना काम करना बंद क्यों नहीं किया, तो चिडिया ने कहा कि भैया आप अपना काम कर रहे थे और मैं अपना।
MORAL OF THE STORY
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि सफलताओं या परेशानियों से हताश होकर हम अपना काम करने की आदत छोड़ देंगे तो जिस दिन हमारी किस्मत अच्छी होगी उस दिन भी हमें सफलता नहीं मिल पाएगी, क्योंकि सफलता के लिए करते रहना जरूरी है।
सेकंड मोरल ऑफ द स्टोरी यह है कि जब आपका दुश्मन आपसे ज्यादा ताकतवर हो तो उससे लड़ना नहीं चाहिए बल्कि उसे इग्नोर करके अपना काम करते रहना चाहिए। एक वक्त ऐसा आता है उसका हृदय परिवर्तन हो जाता है। फिर वही दुश्मन हमारा मददगार बन जाता है।