आज अपन एक ऐसे स्मॉल स्केल बिजनेस के बारे में डिस्कस करेंगे जिसके माध्यम से ना केवल आप इंडिपेंडेंट हो जाएंगे बल्कि कई निर्धन महिलाओं को पार्ट टाइम जॉब भी दे पाएंगे। सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें इन्वेस्टमेंट बहुत कम है और डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है।
यह तो आपको पता ही है कि भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन हो गए हैं। पॉलिथीन बैग के विकल्प के तौर पर कई तरह के बैग बनाए जा रहे हैं। पेपर बैग बनाने की मशीन लगभग ₹500000 की आती है। इस मशीन से जो पेपर बैग बनते हैं वह महंगे भी होते हैं, इसीलिए मार्केट में पसंद नहीं किए जाते। अपन सिंगल यूज़ पेपर बैग बनाने के प्रोजेक्ट पर काम करेंगे।
सन 1975 से पहले जन्म लेने वाले व्यक्तियों से पूछिए। वह आपको बताएंगे कि पॉलिथीन बैग से पहले कागज के लिफाफे चलते थे। रद्दी अखबार के कागज से लिफाफे बनाए जाते थे। वह घरों में बनाए जाते थे। इसलिए उनकी लागत बहुत कम होती थी। जिसमें 1-2 किलो राशन सामग्री आसानी से आ जाती थी। यह एक प्रकार का पार्ट टाइम गृह उद्योग था जो पॉलिथीन बैग आने के कारण बंद हो गया।
आपको सिर्फ इतना करना है कि हैंडमेड पेपर बैग बनाने का तरीका सीखना है जो इंटरनेट पर फ्री में सीखा जा सकता है। फिर यही तरीका अपने आसपास रहने वाली कुछ निर्धन महिलाओं को सिखाना है। उन्हें कच्चा माल देना है और वह खाली समय में हैंडमेड सिंगल यूज पेपर बैग बना कर दे देंगे। यह पेपर बैग कलेक्ट करके आपको अपने एरिया के दुकानदारों को बेच देना है।
क्योंकि यह सबसे सस्ते होंगे इसलिए इनकी डिमांड खत्म नहीं होगी बल्कि बढ़ती चली जाएगी। इसके लिए कच्चा माल भी बहुत सस्ता मिलता है क्योंकि बड़ी मशीनों से जो बचा हुआ कागज निकलता है वह रद्दी के भाव में मिल जाता है। आपको सिर्फ सारी चीजें मैनेज करनी है। जैसे-जैसे डिमांड बढ़ती जाएगी आप अपना प्रोडक्शन बढ़ा सकते हैं। ना तो मशीन की जरूरत है और ना ही किसी कारखाने की।