हम मानव की बुद्धिमता को अंग्रेज़ी में ह्यूमन इंटेलिजेंस के नाम से जानते है। पर आज कल आपने आर्टिफ़िशल इंटेलिजेंस (AI) के बारे में भी सुन रखा होगा। इसे सुनते ही पहला विचार जो मन में आता है वो है जैसे कि कोई चाइना का डुप्लीकेट उत्पाद हो। असल में AI कुछ और नहीं बल्कि कम्प्यूटर की मदद से दुहराए जाने वाले काम का पैटर्न समझ कर उसको आपके समक्ष रखने की एक तकनीक है।
अगर आप ऑनलाइन जूते ऑर्डर करते हैं तो आपके पिछले ऑर्डर की डिटेल समझ कर ऐल्गरिधम (कम्प्यूटर कोड समझ लीजिए) उसी साइज़ और कलर के जूते दिखाएगा। आप जो सामान अधिकतर ऑर्डर करते हैं उससे जुड़े एडवरटाइजमेंट आपको दिखने लगेंगे। इसी प्रकार यूट्यूब पर आप जिस कैटेगरी से संबंधित वीडियो देखते हैं, उससे मिलते जुलते अन्य वीडियो भी आपके यूट्यूब मोबाइल एप्लीकेशन के होम पेज पर अपने आप प्रदर्शित होने लगेंगे।
यही सब AI है। तो कुल मिला कर AI कुछ नहीं बस आपके द्वारा की गई गतिविधियों की जानकारी लेकर एक पैटर्न बनाता है और इस बेसिस पर आपको आपके द्वारा लिए जाने वाले फ़ैसलों के लिए सुझाव प्रकट करता है।
ये तो बहुत सामान्य से तरीक़े से हमने AI को समझने की कोशिश की। अब जानते है इसके और उन्नत प्रयोग को। मोबाइल आज कल आपके SMS पढ़ सकता है। OTP आती है तो उसे पढ़ कर उसे autofil कर सकता है। अगर आप अलेक्सा या सीरी या ok Google प्रयोग करते हैं तो वो आपके लिए SMS नोटिफ़िकेशन पढ़ भी सकते हैं। ये सब advance AI के उदाहरण है। AI की मदद से मौसम की जानकारी और कार ड्राइविंग भी की जा सकती है।
मशीन लर्निंग क्या है और कैसे काम करती है, सरल हिंदी में समझिए
AI की ही ब्रांच है मशीन लर्निंग, जो डेटा और एल्गोरिदम के प्रयोग से, मानव की तरह किसी पैटर्न को समझने की कोशिश करता है और धीरे धीरे अपनी क्षमता विकसित कर और सटीक जानकारी देता है। जो डेटा पढ़ने के उदाहरण ऊपर दिए गए हैं वो सब मशीन लर्निंग के कारण ही सम्भव है।
अगर आप चाहते हैं कि कोई आपका डेटा ना पढ़े तो प्राइवेसी सेटिंग में जाकर डेटा शेयरिंग ऑफ़ कर दें। अगर आप AI को मात देना चाहते हैं तो ब्राउज़र कुकीज़ डिलीट कर दें। साथ ही आप अलग-अलग चीज़ों में रूचि लें जिससे आप कई तरह की चीजें गूगल पर यूट्यूब पर ढूँढ सकें एवं अपनी पसंद की चीज़ देख सकें, बजाय इसके कि आप कम्प्यूटर की ही सजाई चीजें देख रहे हैं।
ये एक स्मार्ट वर्ल्ड है, इसमें आपको भी थोड़ी चालाकी से पेश आना होगा वरना आपका डेटा लेकर आपको ही ठगा जाएगा और आप अपनी ही दुनिया में खो कर रह जाएँगे। AI इंसान का ही बनाया हुआ है पर हमें इसके सुझावों का ग़ुलाम नहीं होना। अपनी सोच रखिए, मुफ़्त नहीं, मुक्त रहिए। इतना याद रखिए आपके एक लाइक से लेकर एक छोटे कॉमेंट तक सब कम्प्यूटर पढ़ता रहता है।
जहां आपको फ़्री में सर्विस मिल रही है वहाँ आपका डेटा ही क़ीमत है और जहां आप पैसे दे रहे हैं वहाँ भी डेटा तो इस्तेमाल होगा, पर हाँ पैसे दिए हैं इसलिए शायद वो डेटा चोरी ना हो, इसका बंदोबस्त वो कम्पनी को करना चाहिए।
who is the father of artificial intelligence in Hindi
जॉन मैकार्थी अमरीका मे रहने वाले कंप्युटर और संज्ञानात्मक विज्ञान के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। उनका जन्म 4 सितमबर, 1927 को हुआ था और मृत्यु 24 अक्टूबर, 2011 मे हुई थी। आज भी मैकार्थी को कृत्रिम बुद्धि के अनुशासन के प्रमुख संस्थापकों में से एक माना जाता है। उन्होंने "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" (एआई) शब्द को गढ़ा है। ✒ लेखक - राजा नितिन परिहार