भोपाल। Vellore Institute of Technology University में हनुमान चालीसा पर जुर्माना और उसके बाद हॉस्टल के स्टूडेंट्स में फूड प्वाइजनिंग की गंभीर घटनाओं के बाद मैनेजमेंट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है। निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग वीआईटी यूनिवर्सिटी के बचाव में सामने आया है।
निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग- मामले को टालने की कोशिश
निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमैन डॉ भरत शरण सिंह ने अपने कुछ मित्र पत्रकारों के माध्यम से समाचार प्रकाशित करवाया है कि आयोग मध्यप्रदेश में संचालित सभी प्राइवेट यूनिवर्सिटी के लिए गाइडलाइन जारी करेगा। गाइडलाइन का पालन सभी यूनिवर्सिटी को करना होगा। यदि किसी स्टूडेंट को कोई परेशानी है तो वह आयोग में सीधे शिकायत कर सकता है। चेयरमैन डॉक्टर सिंह का कहना है कि सभी प्राइवेट यूनिवर्सिटी में डीन स्टूडेंट वेलफेयर होते हैं। स्टूडेंट्स उनको अपनी समस्या बता सकते हैं।
निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग को क्या करना चाहिए
मामले को संज्ञान में लेकर तत्काल कार्रवाई करना चाहिए। VIT यूनिवर्सिटी डीन एवं घटना के लिए जिम्मेदार सभी संबंधित प्रोफ़ेसर एवं अधिकारियों के अधिकार स्थगित करके 24 घंटे अथवा अधिकतम 7 दिवस के भीतर जांच पूरी करनी चाहिए। छात्रों की बीमारी के मामले में स्वत संज्ञान लेते हुए डॉक्टरों के बयान दर्ज करने चाहिए और हॉस्टल एवं यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।
चेयरमैन डॉ भरत शरण सिंह से सवाल
- समाचार के प्रकाश में आते ही संज्ञान क्यों नहीं लिया।
- क्या सभी विश्वविद्यालयों में सूचना चस्पा है कि आयोग में शिकायत कैसे करें।
- यदि वेलफेयर सही काम कर रहा होता, तो यह नौबत ही क्यों आती।
- जब तक शिकायत नहीं मिलेगी तब तक आयोग काम नहीं करेगा क्या।
- यह बयान जारी करने के लिए चेयरमैन से किसने निवेदन किया।