VU UJJAIN- अतिथि विद्वान पीएचडी प्रवेश परीक्षा घोटाला

भोपाल।
मध्य प्रदेश की नंबर वन यूनिवर्सिटी, विक्रम विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षकों को पीएचडी में प्रवेश के लिए परीक्षा घोटाला सामने आया है। विक्रम विश्वविद्यालय की आईक्यूएसी के डॉ. प्रमोदकुमार वर्मा, एसओईटी के निदेशक डॉ. गणपत अहिरवार और शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के डॉ. वायएस ठाकुर के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत की गई है। दावा किया गया है कि पीएचडी की प्रवेश परीक्षा में जो अतिथि विद्वान फेल हो गए थे, दस्तावेजों की कूट रचना करके उन्हें पास किया गया है। 

विक्रम यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा घोटाला- शिकायतकर्ता और आरोपियों के नाम

मप्र युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव बबलू खिंची ने इसकी शिकायत आईजी, एसपी और माधव नगर थाने में की है। इनके खिलाफ फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी, पद का दुरुपयोग करने, मूल दस्तावेजों में कांट-छांट करने, कूटरचना करने सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज करने की गुहार लगाई गई है। ध्यान देने योग्य बिंदु है कि, बात का बतंगड़ बन जाने और विक्रम यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा पर दाग लग जाने के बावजूद प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, कुलपति, विक्रम विवि का कहना है कि जब तक मुझे शिकायत नहीं मिलेगी मैं कार्रवाई नहीं करूंगा। 

विक्रम यूनिवर्सिटी पीएचडी प्रवेश परीक्षा घोटाला कैसे हुआ

स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संस्थान (एसओईटी) में कोई शोध निदेशक नहीं है। यहां तक कि कोई प्रोफेसर भी नहीं है। पूरा डिपार्टमेंट गेस्ट फैकल्टी के भरोसे चल रहा है। ऐसी स्थिति में पीएचडी नहीं करा सकते थे लेकिन यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से एमओयू साइन करके एडमिशन शुरू कर दिए। प्रवेश परीक्षा में नकल नहीं हुई। उत्तर पुस्तिका में भी ठीक प्रकार से जांच की गई परंतु इसके बाद सौदेबाजी शुरू हुई। 

फेल हुए उम्मीदवारों को रिजल्ट पता चल गया। बाद में आंसर शीट में ओवर राइटिंग की गई और उन्हें पास कर दिया गया। जिस अतिथि शिक्षक को 18 नंबर मिले थे उसके 45 कर दिए। एक अन्य महिला अतिथि शिक्षक को 26 नंबर मिले थे, उसके भी 45 कर दिए। यह सब कुछ रिजल्ट घोषित करने से पहले किया गया क्योंकि प्रवेश परीक्षा में रिटोटलिंग और रिवैल्युएशन का प्रावधान ही नहीं है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!