बारिश का मौसम है और आसमान पर बादलों का होना सामान्य सी बात है। बातों में हिंदी के साथ अंग्रेज़ी के शब्द भी अब सामान्य या यूँ कहूँ कि नोर्मल हो गए हैं। बादलों को अंग्रेज़ी में क्लाउड कहते हैं। पर आज कल एक नए तरीक़े का क्लाउड हम सबके बीच विध्यमान है। इसे हम क्लाउड कम्प्यूटिंग के नाम से जानते हैं। ये आसमानी बादलों पर होने वाली कोई गणना नहीं है। बल्कि ये है दुनिया में आज की सबसे मुनाफ़ेदार तकनीक। सन 2024 तक सिर्फ़ अमेरिका में क्लाउड कम्प्यूटिंग का मार्केट 131 अरब डॉलर का माना जा रहा है। इसलिए हर बड़ी सॉफ़्ट्वेर कम्पनी इसमें अपने पैर जमाने को बेचैन है। ऐसे में इस क्लाउड कम्प्यूटिंग को बेहद सरल भाषा में समझने की कोशिश करते हैं।
क्लाउड कम्प्यूटिंग, IT या सॉफ्टवेयर में प्रयोग किए जाने वाले उपकरणों और तकनीकों की एक ऑन डिमांड डिलिवरी सुविधा है। ऑन डिमांड मतलब जितनी आपकी ज़रूरत हो उतने का आप पैसा दें या उतना ही आप प्रयोग करें। ये सुविधा इंटरनेट पर ही प्राप्त है और जितना आप अधिक उपयोग करेंगे उतनी ही ये अपेक्षाकृत सस्ती मिलेगी। आप अगर सॉफ्टवेयर के बारे में थोड़ी भी जानकारी रखते हों या आपके पास कम्प्यूटर हो तो आपको पता होगा कि उस एक कम्प्यूटर में कई उपकरण लगे होते हैं जिनमे से एक है CPU.
CPU ही कम्प्यूटर का सबसे अहम हिस्सा होता है और CPU बनता है RAM, मेमोरी, प्रॉसेसर आदि से। अब आप सोचिए खुद कि कोई कम्प्यूटर कम्पनी खोलने वाले हैं और आपको पता नहीं कि आपका नया धंधा कितना चलेगा तो आप कितने कम्प्यूटर ऑर्डर कीजिएगा। 2 या 3 और अगर फिर भी नहीं चला तो इन कम्प्यूटर की क़ीमत डूबी समझो। अब क्लाउड कम्प्यूटिंग से आप ये कर सकते हैं कि बिना एक भी कम्प्यूटर ऑर्डर करे आप अपना धंधा खोल सकते हैं और आपको CPU जितनी भी RAM, मेमोरी आदि का हो वो आपको ऑनलाइन मिल जाएगा।
उसे आपको अपने घर पर रखने की भी ज़रूरत नहीं, बस जितना आप उसका प्रयोग करें उतने पैसे देदे । ये तो एक बहुत ही आसन उदाहरण के तौर पर समझाया गया है। पर ऐसे ही बहुत सी तकनीक और सुविधा आपको क्लाउड में मिल जाती है जिससे आपको अपना database से लेकर डेटा सिक्यरिटी तक सब, क्लाउड से संचालित कर सकते हैं। लेखक - नितिन परिहार AWS सर्टिफ़ायड