इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने सीए के कोर्स में छोटा कर दिया है। इसका फायदा यह होगा कि स्टूडेंट्स 6 महीने पहले ही पास आउट हो जाएंगे। इसके अलावा दसवीं पास विद्यार्थी सीए फाउंडेशन कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
सीए कोर्स में क्या क्या बदला गया है, यहां पढ़िए
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की ओर से बताया गया है कि ग्रेजुएशन के बाद सीए इंटरमीडिएट कोर्स के लिए एडमिशन लिया जा सकता है। आर्टिकलशिप को भी 3 साल के बजाय 2 साल कर दिया है। 48 महीने का सीए कोर्स घटाकर 42 महीने कर दिया है। इसका फायदा स्टूडेंट्स को मिलेगा। 6 महीने पहले उनका कोर्स पूरा हो जाएगा और वह इंडस्ट्री में अपनी सेवाएं दे सकेंगे। जो स्टूडेंट्स सीए फाइनल परीक्षा में पास नहीं हो पाएंगे, उन्हें भी बिजनेस अकाउंटिंग एसोसिएट (बीएए) सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
सीए फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल से कुछ विषयों को हटाया गया है, जिससे अब तीनों परीक्षाओं में 8 के बजाए सिर्फ 6 विषय के ही पेपर देने होंगे। स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री रेडी बनाने के लिए एक सेल्फ-पेस्ड ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार किया गया है, जिसमें सेट ए और बी के विषय अनिवार्य होंगे। वहीं सेट सी और डी के विषयों में से स्टूडेंट्स अपनी पसंद के मुताबिक विषय चुन सकते हैं। इंटरमीडिएट के बाद स्टूडेंट को खुद ही इन विषयों की पढ़ाई करनी होगी और फाइनल के पहले चुने गए सभी विषयों में पास होना अनिवार्य होगा।
CA COURSE- साल में तीन बार परीक्षा होगी
सीए विनय नागोरिया के अनुसार सीए में रजिस्ट्रेशन करवाने के चार साल के भीतर फाइनल एग्जाम पास करना जरूरी हो गया है। पहले साल में सिर्फ दो बार जनवरी और जुलाई में रजिस्ट्रेशन प्रोसेस होता था। अब यह तीन बार होगा, ताकि स्टूडेंट्स को ज्यादा इंतजार ना करना पड़े। पासिंग परसेंटेज में भी बदलाव हुए हैं। अब फाउंडेशन में पास होने के लिए 50 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है। पहले सीए इंटरमीडिएट और फाइनल में डिस्क्रिप्टिव प्रश्न आते थे। अब 30 प्रतिशत एमसीक्यू आएंगे, जिसमें 25% माइनस मार्किंग भी होगी। 70 प्रतिशत प्रश्न डिस्क्रिप्टिव होंगे।
आर्टिकलशिप के दौरान अब कोई परीक्षा नहीं होगी
आर्टिकलशिप समाप्त होने के छह महीने की पढ़ाई के बाद स्टूडेंट फाइनल की परीक्षा दे सकेंगे। आर्टिकलशिप के लिए स्टाइपेंड 2500 से बढ़ाकर 5 हजार रुपए कर दिया है। ऐसे स्टूडेंट जिन्होंने सीए फाइनल पास कर लिया हो और वे स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस करना चाहते हों तो उन्हें किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स फर्म में एक साल की इंटर्नशिप करनी होगी। जो स्टूडेंट्स इंडस्ट्री में जॉब करना चाहते हैं उनके लिए यह जरूरी नहीं है। सभी परिवर्तन नए सत्र से लागू हो रहे हैं। -सीए मनोज फड़नीस, पूर्व अध्यक्ष आईसीएआई इंदौर चैप्टर