अपन सभी जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण का जीवन और उससे जुड़े प्रत्येक प्रसंग समाज को कोई ना कोई मार्गदर्शन देता है। भगवान श्री कृष्ण को छप्पन भोग लगाया जाता है। भक्तों को प्रसाद में घी-शक्कर वितरित किया जाता है। सवाल यह है कि जब छप्पन भोग में भरपूर मात्रा में स्वादिष्ट मिष्ठान होते हैं तो फिर भगवान के प्रसाद के नाम पर घी-शक्कर क्यों देते हैं। क्या मंदिर वाले कंजूस होते हैं या फिर इसके पीछे कोई साइंटिफिक रीजन है। आइए पढ़ते हैं।
भगवान श्री कृष्ण के प्रसाद घी-शक्कर से क्या फायदा होता है
- आप तो जानते ही हैं, घी के अंदर विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी, विटामिन के और जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। शक्कर के अंदर भी पोषक तत्व होते हैं। जब यह दोनों एक साथ मिलकर शरीर में जाते हैं तो कई सारे फायदे होते हैं।
- घी और शक्कर का मिश्रण ना केवल शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है बल्कि यह शरीर में जमा गंदगी और विषाक्त पदार्थ को दूर करने का काम भी करता है।
- घी-शक्कर का मिश्रण रक्त को शुद्ध करता है और हीमोग्लोबिन को कंट्रोल करता है।
- घी-शक्कर के मिश्रण से हड्डियां मजबूत होती है। जोड़ों का दर्द नहीं होता। फ्रैक्चर में भी तेजी से रिकवरी होती है।
- घी-शक्कर का मिश्रण शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करता है।
- यह न केवल मेट्रोपॉलिटन को तेज करने में मददगार है बल्कि यह पाचन को भी बेहतर बनाने में बेहद उपयोगी है।
- घी शक्कर के मिश्रण से वेट कंट्रोल होता है।
उद्घोषणा:- घी और शक्कर दोनों का मिश्रण सेहत के लिए बेहद उपयोगी है लेकिन यदि आपको सेहत से जुड़ी अन्य समस्या है तो घी और शक्कर को अपनी डाइट में जोड़ने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।