मानसून का अर्थ होता है ऐसी हवाएं जो समुद्र की तरफ से मैदानी इलाकों की तरफ आती है। जिनके कारण वर्षा होती है। हिंद महासागर एवं अरब सागर से भारत के दक्षिण पश्चिम तट की तरफ आने वाली विशेष हवाओं को मानसून कहते हैं। इनके कारण केवल भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी बारिश होती है। दक्षिण एशिया में मानसून जून से लेकर अक्टूबर तक एक्टिव रहता है।
'मानसून' शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के 'मौसिम' शब्द से हुई है। अरब के समुद्री व्यापारियों ने समुद्र से स्थल की ओर या इसके विपरीत चलने वाली हवाओं को 'मौसिम' कहा, जो आगे चलकर 'मानसून' कहा जाने लगा। मानसून का जादू और इसका जीवन–संगीत भारतीय उपमहाद्वीप में ही फैला हो, ऐसा नहीं है। वास्तव में, यह पृथ्वी पर सबसे बड़ी जलवायु संरचना है। भूगोल पर इसका विस्तार लगभग 10 डिग्री दक्षिणी अक्षांश से लेकर 25 डिग्री उत्तरी अक्षांश तक है।
यद्यपि मानसून मुख्य रूप से दक्षिण और दक्षिण–पूर्व एशिया, मध्य अफ़्रीका तथा उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में पूर्ण विकसित रूप में मिलता है, किंतु अमेरिका और मेक्सिको के पश्चिमी भागों तक इसके तार जुड़े हैं। संपूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप के अलावा एशिया में थाइलैंड, म्यांमार, लाओस तथा वियतनाम में मानसून का प्रभाव गर्मियों में स्पष्ट तौर पर दिखाई देता है, जबकि हिन्द महासागर के विस्तृत जलराशि के चलते इंडोनेशियाई द्वीप समूहों पर इसका प्रभाव कम है। दक्षिणी चीन एवं फिलीपींस में जाड़े के दिनों में चलने वाली व्यापारिक पवनों का गर्मी के दिनों में गायब होना भी मानसूनी हवाओं के चलते ही है।
मानसून कितने प्रकार का होता है
जैसा कि आप जानते हैं कि मानसून विशेष प्रकार की हवाओं को कहा जाता है। यह दो प्रकार का होता है। एक गर्मी का मानसून, जो अप्रैल से सितंबर तक चलता है और दूसरा सर्दी का मानसून जो अक्टूबर से मार्च तक चलता है। भारत में ज्यादातर लोग मानसून और वर्षा ऋतु को एक ही मानते हैं। भारत में वर्षा करने वाले मानसून (अरब सागर का मानसून एवं बंगाल की खाड़ी का मानसून)।