वैसे तो प्रत्येक धार्मिक स्थल पर शांति मिलती है। कुछ ना कुछ ऐसा होता है जो मन और जीवन के लिए लाभदायक होता है। श्री कृष्ण के मंदिर में परम आनंद का अनुभव होता है और शिव मंदिर में परम शांति मिलती है। सवाल यह है कि ऐसा क्यों होता है। आइए जानते हैं वह वैज्ञानिक रहस्य जिसके कारण शिव मंदिर में सबसे ज्यादा मानसिक शांति मिलती है।
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने जब मेडिटेशन पर रिसर्च किया तो पाया कि भगवान शिव के क्षेत्र ज्योतिर्लिंग एवं स्वयंभू शिवलिंग के नजदीक मेडिटेशन करने पर अन्य स्थानों की तुलना में ज्यादा आसानी से और तेजी से ध्यान एकाग्र हो जाता है। स्वांस संतुलित होती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। पाया गया कि इसके पीछे एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक कारण है।
जैसा कि आप जानते ही हैं कि सभी ज्योतिर्लिंग एवं स्वयंभू शिवलिंग के नीचे न्यूक्लियर एक्टिविटीज होती रहती हैं। इसी के कारण जब कोई व्यक्ति शिवलिंग के नजदीक जाता है तो उसके मस्तिष्क और शरीर में कुछ विशेष प्रकार के बदलाव हो जाते हैं। इसी परमाणु विकिरण के कारण शिवलिंग के प्रभाव क्षेत्र में बड़ी ही आसानी से मेडिटेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। सिर्फ आंखें बंद करके बैठ जाए तो मन को शांति मिलती है।