वर्तमान मध्य प्रदेश का गठन 1 नवंबर 1956 को और पुनर्गठन 1 नवंबर 2000 को हुआ है लेकिन भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति सन 1947 के बाद से लेकर सन 1956 तक भी मध्य प्रदेश का अस्तित्व था। उस समय मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल नहीं थी। आइए जानते हैं कि मध्य प्रदेश की राजधानी कहां थी:-
मध्य प्रदेश की पुरानी राजधानी
सेन्ट्रल प्रोविंस एवं बेरार ब्रिटिश आधीन भारत का एक प्रांत था। यह प्रांत मध्य भारत के उन राज्यों से बना था, जिन्हें अंग्रेजों ने मराठों एवं मुग़लों से जीता था। इस प्रांत की राजधानी नागपुर थी। भारत के स्वतंत्र होने के बाद इसी क्षेत्र को मध्य प्रदेश कहा गया। इसकी राजधानी नागपुर थी। इसके प्रथम मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल थे।
इसके बाद विंध्य प्रदेश एवं भोपाल राज्य को भी इस में मिला दिया गया और मराठी भाषा वाले विदर्भ क्षेत्र को बॉम्बे राज्य में ट्रांसफर कर दिया गया। इस प्रकार मध्य प्रदेश की राजधानी नागपुर, बॉम्बे राज्य में चली गई। अब मध्य प्रदेश की नई राजधानी का निर्धारण किया जाना था। इसके लिए जबलपुर शहर का चुनाव किया गया, लेकिन भारत की राजधानी दिल्ली में अचानक इस फैसले को बदल दिया गया।
सन 1947 में भारत की आजादी के बावजूद भोपाल के नवाब ने अपने राज्य को भारत संघ में शामिल नहीं किया था। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सभी रियासतों को भारत संघ में मिलाया परंतु जब तक भोपाल की बारी आती, वह गंभीर रूप से बीमार हो चुके थे। भोपाल की जनता ने अपने नवाब के खिलाफ आजादी का आंदोलन शुरू किया। इस प्रकार भोपाल आजाद हुआ और सीहोर जिले की तहसील घोषित किया गया।
भारत की राजधानी दिल्ली में एक महत्वपूर्ण निर्णय हुआ। 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश का गठन किया गया। सीहोर जिले की तहसील भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी घोषित किया गया। 1 नवंबर सन 2000 को मध्य प्रदेश का पुनर्गठन हुआ और 16 जिलों को मध्य प्रदेश से अलग करते हुए भारत के 26वें राज्य छत्तीसगढ़ का गठन किया गया।