नाग वंश के राजाओं की कथा तो आपने सुनी ही होगी। जो प्राचीन काल से भारत में निवास कर रहे थे। हम आपको बताते हैं कि मध्य प्रदेश का एक शहर ऐसा है जहां पर एक नए नागवंश का आविर्भाव हुआ। जहां से पूरे विश्व में नाग सभ्यता व संस्कृति को विस्तार दिया गया और जहां पर नाग वंश का अंत भी हुआ।
भारत में गौतम बुद्ध से पहले 16 महाजनपद हुआ करती थी। इनमें से एक थी अनूप महाजनपद जो उज्जैन और विदिशा को मिलाकर बनाई गई थी। बाद में यही क्षेत्र मालवा कहा गया। विदिशा को पूर्वी मालवा कहा जाता है। यही वह क्षेत्र है जहां पर एक नये नाग वंश का आविर्भाव हुआ। उस समय ग्वालियर सहित मथुरा तक का क्षेत्र विदिशा के अंतर्गत आता था।
इनकी मुद्राएं भी क्षेत्र में मिली है। इतिहासकार एच.वी.त्रिवेदी के अनुसार इस वंश का संस्थापक वृषनाग था। प्राचीन शैव ग्रंथों में नाग कबीले अत्यंत समृद्ध और शक्तिशाली बताये गए है। जिन्होंने पूरे विश्व मे नाग सभ्यता व संस्कृति को फैलाया है। गणपतिनाग किस वंश के अंतिम राजा थे। समुद्रगुप्त ने एक युद्ध में इन को परास्त करके भारत की भूमि पर नागवंश का अंत कर दिया था।