मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षक कर्मचारी राजेश बाथम को जिला परियोजना समन्वयक के पद से हटाकर सरकारी स्कूल गुनगा में भेज दिया गया है। उनके खिलाफ Sexual Harassment at Workplace का आरोप लगा था।
भोपाल के जिला परियोजना अधिकारी का प्रभार जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना को सौंपा गया है। राजेश बाथम को नवंबर 2020 में डीपीसी बनाया गया था। स्कूल शिक्षा विभाग ने खिलाफ शिकायत के एक साल बाद डीपीसी के खिलाफ कार्यवाही की है। डिपार्टमेंट की तरफ से यह कदम तब उठाया गया जब विभागीय जांच में मामले की लीपापोती से परेशान होकर महिला ने कोहेफिजा थाने में पुलिस को लिखित आवेदन दे दिया।
महिला कर्मचारी ने बताया कि पुलिस ने उनके बयान दर्ज कर लिए हैं लेकिन अब तक उन्हें FIR की कॉपी नहीं दी गई है। इधर बताया गया है कि संभागीय संयुक्त संचालक भोपाल द्वारा बनाई गई चार सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राज्य शिक्षा केंद्र को सौंप दी थी। जिसमें राजेश बाथम को क्लीन चिट दी गई है। दावा किया गया है कि ऑफिस के अन्य कर्मचारी भी राजेश बाथम के पक्ष में है और महिला कर्मचारी द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं वह निराधार हैं। महिला कर्मचारी पर आरोप लगाया गया है कि उसने इन्वेस्टिगेशन में मदद नहीं की।
जांच समिति बंद कमरे में हुई छेड़छाड़ का सबूत मांग रही थी: महिला ने कहा
पीड़ित महिला 2017 से डीपीसी कार्यालय में कार्यरत थी। महिला का आरोप है कि बाथम द्वारा उससे अश्लील हरकतें की जाती थीं। उसे देर रात तक ऑफिस में रुकने को कहा जाता था। कोरोना के दौरान सिर्फ उसे ही ऑफिस बुलाया गया। इस दौरान बाथम उससे छेड़छाड़ करते थे। आपत्तिजनक बातें और हरकतें कीं। विरोध करने पर परेशान किया जाने लगा था।