भोपाल। मध्य प्रदेश में हाल ही में नगर निगम के चुनाव संपन्न हुए हैं और जनता ने महापौर को सीधे चुना है। इंदौर और भोपाल के महापौर में पहले ही त्यौहार पर बड़ा फर्क दिखाई दिया। पुष्यमित्र ने जो घोषणा बुधवार को की थी, मालती राय ने वह 1 दिन बाद गुरुवार को की।
मामला रक्षाबंधन के अवसर पर सिटी बसों में महिलाओं को फ्री यात्रा का है। यह पहली बार नहीं हो रहा है परंतु इसका राजनीतिक लाभ हर साल लिया जाता है। इंदौर में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने रक्षाबंधन से पहले 10 अगस्त को बड़े ही मर्यादित शब्दों में इसकी घोषणा कर दी थी। पुष्यमित्र ने इसके लिए अपनी पीठ नहीं थपथपाई थी बल्कि यह बताया था कि हर साल की तरह इस साल भी महिलाओं से किराया नहीं लिया जाएगा।
भोपाल की महापौर मालती राय को इसके बारे में कुछ याद ही नहीं था। शायद नगर निगम के और सिटी बस संचालित करने वाली कंपनी के अधिकारियों को भी याद नहीं रहा होगा। जब इंदौर में घोषणा हो गई तब रक्षाबंधन के दूसरे दिन 12 अगस्त 2022 को भोपाल की महापौर मालती राय ने इसकी घोषणा की और इसके साथ अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा कि यह मेरी तरफ से बहनों को उपहार है।
महापौर-महापौर में फर्क साफ नजर आता है। एक व्यक्ति निर्धारित समय पर व्यवस्था बनाता है और दूसरे व्यक्ति की लापरवाही प्रमाणित होती है फिर भी वह श्रेय लूटने का प्रयास कर रहा है।