निर्वाचन आयोग भी एक ऐसा शेर है जिसका कर्मचारियों में खौफ केवल आचार संहिता तक ही रहता है। अब कोई आचार संहिता नहीं लगी हुई है। इसलिए कर्मचारियों ने भी निर्वाचन का काम करना बंद कर दिया है। राजधानी भोपाल में लगभग 2000 में से 700 बूथ लेवल ऑफिसर काम नहीं कर रहे हैं। शेष 1300 बीएलओ फील्ड के काम को भी घर बैठे कर रहे हैं, और आयोग कुछ नहीं कर पा रहा है।
मामला वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने का है। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पूरे मध्यप्रदेश में यह काम एक अभियान की तरह चल रहा है परंतु भोपाल में हालत बिल्कुल उल्टी है। यहां आधार कार्ड को वोटर कार्ड से लिंक करने का काम बिल्कुल नहीं चल रहा है। लगभग 33% काम हुआ है वह भी नागरिकों की जागरूकता के कारण। भोपाल जिले में दो हजार से ज्यादा बीएलओ हैं, लेकिन लगभग सभी की स्थिति एक जैसी है।
वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने का काम घर-घर जाकर करना है परंतु भोपाल में 1300 बीएलओ अपने घर बैठे मतदाताओं को फोन लगाकर उनके आधार नंबर मांग रहे हैं। अनजान व्यक्ति आधार नंबर मांगे तो कोई क्यों देगा। 700 बीएलओ ऐसे हैं जो बिल्कुल काम नहीं कर रहे। उनका कहना है कि उनके विभागीय अधिकारी ने उन्हें निर्वाचन के काम के लिए अब तक रिलीव नहीं किया है।
BLO नहीं, उनके अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे: निर्वाचन अधिकारी
उप जिला निर्वाचन अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने ड्यूटी से नदारद 700 बीएलओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। ज्यादातर का कहना है कि उनके विभाग प्रमुख उन्हें रिलीव नहीं कर रहे हैं। नतीजा, वे काम नहीं कर पा रहे हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व के इस काम के प्रति लापरवाही को देखते हुए वे संबंधित विभागों के कार्यालय प्रमुख (अफसरों) को नोटिस जारी करने जा रहे हैं। निर्वाचन आयोग के स्पष्ट निर्देश हैं कि ऐसी स्थिति में संबंधित कार्यालय प्रमुख के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।