भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पांचवी मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने वाली महिला मैनेजर रानी शर्मा के केस में मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर का नाम आया है। पिता ने बताया कि एमडी ने रानी को एक मीटिंग में बुलाया था। रानी नहीं पहुंची तो एमडी ने रानी का इंदौर से भोपाल ट्रांसफर करवा दिया। इसके बाद रानी को इतना प्रताड़ित किया गया कि उसने आत्महत्या कर ली।
रानी शर्मा के पिता श्री वेद राम शर्मा ग्वालियर पुलिस में कार्यवाहक सब इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने बताया कि रानी शर्मा उनकी छोटी बेटी थी। उनका अभिमान थी। कक्षा 10 में 90% और कक्षा 12 में ग्वालियर संभाग के टॉप थ्री में थी। सन 2018 में MPIDC (मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) इंदौर में मैनेजर के पद पर पदस्थ हुई थी। वह अपना काम बहुत अच्छी तरीके से करती थी और कभी उसकी कोई शिकायत नहीं आई। उसके अधिकारियों को भी उससे कोई परेशानी नहीं थी।
महिला अधिकारी के इंदौर से भोपाल ट्रांसफर की कहानी
पिता श्री वेद राम शर्मा ने बताया कि 1 साल पहले मैनेजिंग डायरेक्टर ने भोपाल में एक मीटिंग बुलाई थी। इसके लिए रानी शर्मा के नाम से लेटर आया था। इंदौर में उसके अधिकारी ने उसे जाने नहीं दिया और सारी जानकारी लेकर चले गए। इसी दिन से रानी की जिंदगी में परेशानियां शुरू हो गई। 7 दिन के भीतर रानी का प्रतिनियुक्ति आदेश आ गया। उसे इंदौर से भोपाल मंत्रालय में अटैच कर दिया गया। 15 दिन में दूसरा आदेश आया और उसे रिलीव कर दिया गया।
भोपाल में रानी को बात बात पर अपमानित किया जाता था। प्रताड़ित किया जाता था। उसके साथ जो कुछ भी हो रहा था वह एक शासकीय कार्यालय की निर्धारित मर्यादा के विरुद्ध था। वह कितनी प्रताड़ना से गुजर रही होगी जो उसने आत्मघाती कदम उठाया।