जबलपुर। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में BPM और BCM की नियुक्ति फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों को बैकअप देने के लिए की गई है। इनका काम MPW ANM और आशा कार्यकर्ताओं की समस्याओं का उनके साथ फील्ड में जाकर समाधान करना है ताकि शासन के सभी लक्ष्य पूरे हो सकें।
जबलपुर में बीपीएम और बीसीएम एक ही ब्लॉक में वर्षों से पदस्थ हैं और ये स्वास्थ्य विभाग को अपनी बपौती समझने लगे हैं। कर्मचारियों की समस्याओं को सुलझाने की बजाय उनको उलझाया जाता है, इनके द्वारा अनमोल एप में जानकारी इंद्राज करने में आ रही कठिनाईयों को नजरअंदाज किया जाता है और कहते हैं कि इसके लिए जिला कार्यालय जायें और वहां से भी समस्या जस की तस बनी हुई है।
आवश्यक दवाईयां लेने भी स्वंय के व्यय से उपस्वास्थ्य केन्द्र तक ले जाने को मजबूर किया जाता है। शासन से इन्हें भ्रमण हेतु भत्ता भी दिया जाता है परंतु अधिकारियों की अनदेखी के चलते ये मनमानी पर उतारू हैं। कर्मचारियों को थोडी-थोडी समस्या के लिए भी कार्यालय के चक्कर लगाने मजबूर किया जाता है, नहीं तो वेतन रोकने की धमकी दी जाती है, इससे कर्मचारियों में तनाव एवं आकोष व्याप्त है।
संघ के योगेन्द्र दुबे अर्वेन्द्र राजपूत , अवधेश तिवारी अटल उपाध्याय , मुकेश सिंह , मिर्जा मंसूर बेग , आलोक अग्निहोत्री , ब्रजेश मिश्रा , दुर्गेश पाण्डेय , आशुतोश तिवारी, संदीप नेमा , सुरेन्द्र जैन , योगेन्द्र मिश्रा , मनीष चौबे , नितिन अग्रवाल , श्यामनारायण तिवारी , विनय नामदेव , गगन चौबे , सोनल दुबे , देवदत्त शुक्ला , अभिषेक मिश्रा , महेश कोरी , धीरेन्द्र सोनी , मो तारिक , संतोष तिवारी आदि ने कलेक्टर महोदय से मांग की है कि मनमाने रूप से कार्यालय अधीक्षक बने बीपीएम , बीसीएम की जिम्मेदारी तय करें , ताकि फील्ड में जाकर कार्य करने वाले एएनएम और एमपीडब्ल्यू , सुपरवाईजर व आशा कार्यकर्ताओं को शासन के द्वारा निर्धारित कार्य समय पर हो सकें व कर्मचारियों को कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल सके।