CEDMAP घोटाला- ट्रेनिंग फैकल्टी बर्खास्त, एक करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी - BHOPAL NEWS

Bhopal Samachar
Center for Entrepreneurship Development Madhya Pradesh (उद्यमिता विकास केंद्र मध्य प्रदेश) द्वारा ट्रेनिंग फैकल्टी और नोडल अधिकारी शरद कुमार मिश्रा को बर्खास्त कर दिया गया है। उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए पुलिस को मामले की जानकारी सौंप दी गई है। 

इस समाचार को दिनांक 15 अक्टूबर 2022 को अपडेट किया गया। समाचार दिनांक तक पुलिस द्वारा कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था, जबकि शरद मिश्रा ने आदेश के खिलाफ अपील कर दी है। उनका कहना है कि 26 साल की सेवा में उनकी एक शिकायत नहीं हुई। इस बार बर्खास्त कर दिया गया क्योंकि वह CEDMAP के सिद्धांतों का उल्लंघन करने के लिए तैयार नहीं हुए थे। 

उद्यमिता विकास केंद्र मध्य प्रदेश द्वारा की गई इंटरनल इंक्वायरी में शरद मिश्रा को भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया था। पुलिस को दी गई शिकायत में बताया गया कि मप्सेट प्रोजेक्ट के एग्जीक्यूशन के लिए उन्हें 1.30 करोड रुपए से ज्यादा की रकम दी गई थी जिसमें से 1.11 करोड रुपए के खर्चे में गड़बड़ी है। रिकॉर्ड में खर्चे के बिल ही नहीं है। कुछ बिल ऑडिट के दौरान गलत पाए गए। बताया गया है कि यह गड़बड़ी सन 2019 से लेकर सन 2021 के बीच में हुई। 

उद्यमिता विकास केंद्र की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुराधा सिंघई का कहना है कि ऑडिट के दौरान शरद मिश्रा द्वारा की गई वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया था। इसके बाद स्पेशल ऑडिट करवाया गया जिसमें उन्हें दोषी पाया गया। शरद मिश्रा को बर्खास्त कर दिया गया है और घोटाले की रकम वापस जमा कराने के लिए 15 दिन का मौका दिया गया है। 

यह नोट करना जरूरी है कि शासकीय संस्थाओं में वार्षिक ऑडिट का प्रावधान है। आश्चर्यजनक बात है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में हुआ घोटाला ऑडिट वर्ष 2021 में नहीं पकड़ा गया बल्कि 2022 में पकड़ा गया।

वित्तीय अधिकारी नहीं थे, घोटाला कैसे करता: शरद मिश्रा

इस मामले में उद्यमिता विकास केंद्र की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुराधा सिंघई द्वारा बर्खास्त किए गए ट्रेनिंग फैकल्टी शरद कुमार मिश्रा का कहना है कि घोटाला वो करता है जिसके पास वित्तीय अधिकार होते हैं। उद्यमिता विकास केंद्र में ट्रेनिंग फैकल्टी के पास मिट्टी अधिकार नहीं होते, बल्कि कार्यकारी संचालक के पास होते हैं। श्री मिश्रा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 के डिपार्टमेंटल ऑडिट में मप्सेट प्रोजेक्ट को लेकर कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई। 

मैं झुकने के लिए तैयार नहीं हुआ तो मुझे बर्खास्त कर दिया: शरद मिश्रा

श्री मिश्रा ने बताया कि निजी कारणों के चलते मुझे परेशान किया जा रहा था। मई के महीने से मेरा वेतन रोक दिया गया था और उसके बाद भी जब मैं झुकने के लिए तैयार नहीं हुआ तो अगस्त के महीने में एक आधारहीन कार्रवाई के कागज तैयार करके मुझे बर्खास्त कर दिया गया। श्री मिश्रा ने कहा कि मैंने इस आदेश के खिलाफ विधिवत अपील कर दी है। मुझे पूरा विश्वास है कि शासन द्वारा मुझे न्याय मिलेगा। 
✔ श्री शरद मिश्रा ने यह बयान दिनांक 15 अक्टूबर 2022 को नोट कराया। 

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