लोक-उपताप का अपराध क्या हैं, जानिए
अगर कोई व्यक्ति अपने जानवरों को सड़क पर खड़ा करता है या उसे सड़क पर बांधता है या सड़क पर जानवर को खड़ा करके चारा खिलता है यह सब लोक उवताप होता है साधारण शब्दों में कहे तो ऐसा अपराध जो सार्वजनिक स्थान, सड़क को अवरोध (रुकावट) उत्पन्न करके किया जाता है लोक-उपताप का अपराध होता है यह अपराध सिविल एवं आपराधिक दोनों प्रकार का होता है।
"जानवरों को खुली जगह काटना या खुली जगह या सड़क पर मांस बेचना जिस सड़क पर आम जनता का आना जाना होता हैं लोक उपताप का अपराध होगा।"
लोक-उतपात का वाद कौन और कैसे ला सकता है जानिए:-
लोक उपताप का वाद प्रस्तुत करने से पहले न्यायालय की अनुमति आवश्यक होती है। एवं सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 91 के अनुसार इस वाद को लाने का अधिकारी:-
(क). महाधिवक्ता द्वारा।
(ख). न्यायालय की अनुमति से दो या दो से अधिक व्यक्तियों ,समूह द्वारा।
नोट:- लोक उपताप के वाद को मुहल्ले के सभासद (सरपंच, प्रधान, पार्षद), विधायक या सांसद जो जनता के प्रतिनिधि हैं नहीं ला सकते हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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