जब कोई साक्षी न्यायालय में साक्ष्य देता है तब सीआरपीसी की धारा 277 के तहत न्यायालय उस साक्ष्य को उसी भाषा में लिखेगा जिस भाषा में साक्षियों ने बयान दिए गए एवं साक्षियों को न्यायालय उसी भाषा में समझायेगा जिस भाषा में वह बयान देता है लेकिन आरोपी या उसके वकील को न्यायालय किसी भाषा में साक्ष्य के अभिलेख की पढकर सुनाएगा क्योंकि साक्ष्य, साक्षी की भाषा में लिखा गया है न कि वकील या आरोपी की भाषा में।
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 279 की परिभाषा
जब कभी ऐसा साक्ष्य ऐसी भाषा में दिया गया हो जो आरोपी की समझ नहीं आ रहा है या आरोपी के वकील को समझ नहीं आ रहा है तब न्यायालय ऐसे साक्ष्य अभिलेख का भाषान्तर कर आरोपी या वकील को सुनाएगा।
नोट:- अगर कोई दस्तावेजी साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत है और वह अन्य भाषा में है तब न्यायालय उतने ही भाग का भाषान्तर करेगा जितना वह ठीक समझता है।
इस धारा का उद्देश्य यह है कि अगर आरोपी के विपक्ष के कोई बयान अन्य भाषा में दिए गए हैं तब आरोपी या उसके वकील को उनकी भाषा में उन साक्ष्य दस्तावेज को बताना जिससे वह अपनी प्रतिरक्षा कर सके।
:- लेखक बीआर अहिरवार(पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665