मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित सिविल अस्पताल हजीरा में कथित भाजपा नेता अजीत सिंह भदौरिया परिवार और हजीरा थाना पुलिस के बीच जबर्दस्त संघर्ष हुआ। हालात यह बनी कि थाना पुलिस को अपने सपोर्ट के लिए एक्स्ट्रा फोर्स बुलवाना पड़ा। उसके बाद पुलिस, अजीत और उसके चाचा जितेंद्र को घसीटते हुए ले गई।
ग्वालियर शहर के चंदन नगर क्षेत्र में नई बस्ती के अंदर अजीत सिंह भदौरिया और उनके पड़ोसी विपिन तोमर के बीच में शनिवार की रात झगड़ा हो गया था। यह इलाका हजीरा पुलिस थाने के अंतर्गत आता है। झगड़े की सूचना पर पुलिस पहुंच गई और दोनों पक्षों को थाने ले आई। यहां समझाइश की कार्रवाई शुरू हो पाती इससे पहले दोनों पक्ष थाने के बाहर फिर से लड़ाई करने लगे। इस पर पुलिस ने अजीत और विपिन दोनों की पिटाई लगा दी। पुलिस की पिटाई से अजीत को कुछ ज्यादा चोट आ गई। उसे हजीरा से अस्पताल में भर्ती किया गया।
रविवार को अजीत सिंह को कोर्ट में पेश किया जाना था। जब पुलिस की टीम से लेने पहुंची तो परिवार के लोग झगड़ा करने लगे। उनका कहना था कि अजीत सिंह की स्थिति गंभीर है और उसे JAH रेफर किया जाना चाहिए। पुलिस का कहना था कि कोर्ट में पेश कर देते हैं जमानत मिल जाएगी फिर आप जहां चाहे इलाज करा लेना। इसी बात को लेकर पुलिस और अजीत सिंह के परिवार के बीच विवाद बढ़ गया।
अस्पताल में अजीत सिंह के चाचा जितेंद्र भदौरिया भी मौजूद थे। जो कांग्रेस पार्टी के नेता है। उन्होंने पुलिस आरक्षक ओं के साथ हाथापाई कर दी। जब टीआई मनीष धाकड़ पहुंचे तो उनके साथ भी अभद्रता की गई। भदौरिया परिवार के लोगों ने उन्हें घेर लिया और पीटने का प्रयास किया। स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई इसलिए टीआई धाकड़ ने सपोर्ट के लिए एक्स्ट्रा फोर्स को कॉल कर दिया।
जब अतिरिक्त पुलिस बल अस्पताल में आया तो मामला और बड़ा हो गया। पुलिस ने अजीत सिंह और जितेन सिंह को घसीटते हुए वाहन में डाला और ले गए। दोनों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज किया गया है। भाजपा नेता जीत सिंह खुद को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नजदीकी बताता है।
अजीत सिंह के परिवार वालों का कहना है कि उसकी और विपिन के बीच कोई बड़ी लड़ाई नहीं हुई थी लेकिन पुलिस ने किसी के इशारे पर अजीत सिंह को पहले तो थाने में बेरहमी से पीटा और फिर जब अस्पताल से कोर्ट पेशी के लिए लेने आए तो कह रहे थे कि एनकाउंटर कर देंगे।