ग्वालियर चंबल क्षेत्र में प्रीतम लोधी की गतिविधियां लगातार बढ़ रही है। प्रीतम लोधी केवल अपने निष्कासन के खिलाफ जनता का समर्थन नहीं जुटा रहे बल्कि ग्वालियर चंबल अंचल में जातिवाद की आग लगा रहे हैं। सवाल यह है कि इस मामले में उमा भारती क्यों चुप हैं। उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए अन्यथा यह माना जाएगा कि प्रीतम लोधी की सभी गतिविधियों को उमा भारती का समर्थन प्राप्त है।
प्रीतम लोधी के कार्यक्रमों के लिए फंडिंग कौन कर रहा है
भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित होने के बाद पीतम लोधी कुछ समय तक भोपाल में रहे। इसके बाद अचानक उन्होंने बागी तेवर दिखाना शुरू किए। जब ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे थे तब प्रीतम लोधी और उनके समर्थकों का विरोध भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ स्पष्ट दिखाई दे रहा था परंतु देखते ही देखते सब कुछ बदलता जा रहा है।
प्रीतम लोधी के कार्यक्रम अब भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ नहीं है बल्कि आम नागरिकों में सामाजिक दूरियां बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। शिवपुरी जिले में लोधी समाज ने ब्राह्मणों के बहिष्कार का ऐलान किया। गुना में क्षत्रिय महासभा से टकराव की स्थिति बन रही है। चंबल में हिंसक प्रदर्शन के माध्यम से किसे और क्या संदेश दिया गया सबको पता है। सवाल यह है कि प्रीतम लोधी के पीछे कौन है। वह कौन है जो इस तरह की गतिविधियों को फंडिंग कर रहा है और वर्षों के बाद ठीक होते सामाजिक ताने-बाने को फिर से बिगड़ रहा है।
सिंधिया और शिवराज ने इसी साल सब कुछ सामान्य किया था
आपको याद होगा 2 अप्रैल 2018 को अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के मामले में सरकार के खिलाफ हुआ एक प्रदर्शन ग्वालियर चंबल क्षेत्र में जातिगत संघर्ष को शुरू कर गया था। यह तनाव लंबे समय तक बना रहा। इसी साल केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने काफी प्रयास करके ग्वालियर चंबल क्षेत्र में सामाजिक पाने वाले को ठीक किया था। 5 साल बाद एक बार फिर ठीक चुनाव के पहले सब कुछ वैसा ही शुरू हो गया है।