जबलपुर। न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल अग्निकांड मामले में 8 लोगों की मृत्यु के बाद भी कई दिग्गज नेताओं का सॉफ्टकॉर्नर अस्पताल के संचालकों की तरफ दिखाई दे रहा था परंतु पब्लिक का प्रेशर बढ़ता जा रहा था। अंततः अस्पताल के संचालक डॉक्टर सुरेश पटेल, निशित गुप्ता, डॉक्टर संजय पटेल, डॉक्टर संतोष सोनी और मैनेजर राम सोनी के खिलाफ गैरइरादतन हत्या (आईपीसी की धारा 304 एवं 308) का केस दर्ज कर लिया है।
खबर का असर- प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी
भोपाल समाचार ने ध्यान आकर्षित कराया था कि रिश्वत के बदले स्थानीय प्रशासन के अधिकारी अपने कर्तव्य का पालन नहीं करते। अस्पतालों का सेफ्टी ऑडिट नहीं किया जाता यही कारण है कि बड़ी घटनाएं घटित हो जाती है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि सरकार की तरफ से हर अस्पताल संचालक को हर तरह के सेफ्टी नॉर्म्स का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने डिवीजनल कमिश्नर की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की है। जांच के बाद पता चलेगा कि क्या लापरवाही थी। उन्होने कहा कि स्थानीय प्रशासन की लापरवाही पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल संचालकों की बड़ी पकड़ है
अब तक के घटनाक्रम से ही है तो स्पष्ट हो गया है कि अस्पताल संचालकों की बड़ी ऊंची पहुंच है। 8 लोगों की मृत्यु के बावजूद एक भी संचालक को हिरासत में नहीं लिया गया। प्रशासन ने अभी तक यह नहीं बताया कि न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल का आखरी बार सेफ्टी ऑडिट कब हुआ था। जबलपुर के बड़े और दिग्गज नेताओं ने भी अस्पताल संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग नहीं की।