श्री गणेश चतुर्थी- मिट्टी की मूर्ति ही क्यों, स्थापना मुहूर्त एवं विशेष योग - Jyotish n Panchang

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प्रथम पूज्य, मंगल मूर्ति, रिद्धि सिद्धि के स्वामी, शुभ और लाभ के दाता भगवान श्री गणेश का आगमन इस वर्ष उनके प्रिय दिवस बुधवार को अत्यंत शुभ और कल्याणकारी रवि योग एवं चित्रा नक्षत्र में दिनांक 31 अगस्त 2022 को हो रहा है। अनंत चतुर्दशी दिनांक 9 सितंबर को उनकी प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। 

ज्योतिर्विद् कान्हा जोशी के मुताबिक भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर 31 अगस्त को गणेश स्थापना होगी। चतुर्थी तिथि 30 अगस्त को दोपहर 3:04 बजे शुरू होकर 31 अगस्त को दोपहर 3:23 बजे तक रहेगी। रवि योग में सभी अशुभ प्रभाव समाप्त होते हैं। ऐसे में भगवान गणेश की स्थापना और पूजन मंगलकारी होगा।

गणेश उत्सव में भगवान की मिट्टी की मूर्ति ही क्यों

श्री गणेश उत्सव में भगवान की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करने का विधान है। शास्त्रों में भी मिट्टी की मूर्ति स्थापित करने का ही उल्लेख है। प्रश्न यह है कि रिद्धि सिद्धि के स्वामी और शुभ एवं लाभ के दाता, प्रथम पूज्य, विघ्न विनाशक भगवान श्री गणेश की मिट्टी की मूर्ति ही क्यों स्थापित की जाती है। इसके पीछे का मुख्य कारण यह है कि माता पार्वती ने मिट्टी की मूर्ति बनाकर उसमें प्राणों का संचार किया था। 

इसीलिए इस प्रसंग के अवसर पर उसी प्रक्रिया को दोहराया जाता है। कामना की जाती है कि जिस प्रकार माता पार्वती की मिट्टी की मूर्ति में भगवान ने देवताओं को दर्शन दिए। उसी प्रकार मिट्टी की मूर्ति में भगवान श्री गणेश हम सभी को दर्शन देंगे।

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