मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल एमपी नगर थाना पुलिस ने PEB डायरेक्टर को नोटिस भेजकर आरोपियों एवं मामले की जांच करने वाले मैप आईटी के अधिकारियों के पूरे नाम पते मांगे हैं। पुलिस ने बताया कि 8 अगस्त को नोटिस जारी किया था परंतु 26 अगस्त तक PEB की तरफ से जवाब नहीं मिला है।
MPPEB- प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा घोटाला छुपाना चाहता है
उपरोक्त जानकारी के आधार पर आरोप लगाया जा रहा है कि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा घोटाला छुपाना चाहता है। उसने केवल जनता के सामने अपनी निष्पक्षता प्रदर्शित करने के लिए FIR दर्ज करवाई है परंतु इन्वेस्टिगेशन में पुलिस को सपोर्ट नहीं किया जा रहा है।
मामले की इन्वेस्टिगेशन कर रहे सब इंस्पेक्टर आरके मिश्रा ने बताया कि उनके पास सिर्फ पांच परीक्षार्थियों के नाम और रोल नंबर हैं। एमपी पीईबी की तरफ से ना तो आरोपी परीक्षार्थियों के पते बताए गए हैं और ना ही इस मामले की जांच करने वाले मैप आईटी के अधिकारियों के नाम एवं नंबर दिए गए हैं। ऐसी स्थिति में पुलिस की जांच एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकती।
शिक्षक वर्ग तीन परीक्षा घोटाला में इनके खिलाफ हुई है FIR
(1) परत सिंह रावत रोल न. 22802816,
(2) भुवनेश शर्मा रोल न. 22802600 ,
(3) नीलम केमोर रोल न. 22802707,
(4) निशा सोलंकी रोल न. 22778309 ,
(5) मनोज कुमार पटेल रोल न. 23165920
सागर और ग्वालियर के परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी पाई गई थी
मामले में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के सागर स्थित ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस कॉलेज को ब्लैकलिस्ट और ग्वालियर के सर्वधर्म महाविद्यालय के परीक्षा केन्द्र में गड़बड़ी का खुलासा हुआ था।
MPPEB ने जांच कराई, MPPEB ने FIR कराई, MPPEB ही जानकारी छुपा रहा है
26 मार्च को सोशल मीडिया में ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस, सागर केन्द्र के एक अभ्यर्थी की स्क्रीन के फोटो वायरल हुए। पीईबी ने 28 मार्च 2022 को मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ( एमपीएसईडीसी ) भोपाल को जांच सौंपी। एमपीएसईडीसी ने 26 अप्रैल को रिपोर्ट सौंपी। मैप आईटी की जांच के आधार पर PEB ने इन दोनों कॉलेजों को परीक्षाओं के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया था। इस मामले में 8 अगस्त को एमपी नगर थाना पुलिस ने 5 अभ्यार्थियों के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
MAPIT कि जांच रिपोर्ट में क्या पाया गया था
रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि टाइम विनिंग के अनुसार 5 अभ्यर्थियों द्वारा जिस समय सर्वाधिक प्रश्नों को हल किया गया है, उस समय के सीसीटीवी फुटेज में अभ्यर्थियों की कम्प्यूटर स्क्रीन का ब्लिंक होना पाया गया है। इसके अलावा इनविजिलेंटर के द्वारा भी नजरअंदाज भी करना पाया गया है। जिससे यह नहीं माना जा सकता कि उक्त अवधि में अभ्यर्थियों के द्वारा स्वयं सर्वाधिक प्रश्नों को हल किया गया है।