भोपाल। मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज़ है। उनकी सबसे बड़ी प्रॉब्लम सॉल्व होने वाली है। आरक्षण के कारण सूखे हुए प्रमोशन अब शुरू हो जाएंगे। शासन स्तर पर ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही शेष आवश्यक प्रक्रियाएं भी पूरी हो जाएंगी।
मध्य प्रदेश पदोन्नति नियम 2022
सूत्रों का कहना है कि मेरिट-कम-सीनियरिटी के आधार पर प्रमोशन दिया जाएगा। CR (कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट) में क्लास-1 के अधिकारी को 15, क्लास-2 को 14 और क्लास-3 को 12 अंक लाना जरूरी होगा। पहले यह नहीं होता था। तैयार किया गया ड्राफ्ट फाइनेंसियल अप्रूवल के लिए वित्त विभाग के पास भेज दिया गया है। यहां से NOC मिलने के बाद मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेज दिया जाएगा।
बता दें कि साल 2016 से अब तक 70 हजार कर्मचारी बगैर प्रमोशन के रिटायर हो चुके हैं और 350000 कर्मचारी प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि प्रमोशन में सबसे पहले आरक्षित पद भरे जाएंगे और फिर अनारक्षित।
मेरिट कम सीनियरिटी का फार्मूला
मेरिट कम सीनियरिटी के अनुसार पदोन्नति में मेरिट सीआर के अंकों को आधार माना जाएगा। मेरिट की 5 श्रेणियां रहेंगी। पहली क+ के 4 अंक यानी 5 साल के 20 अंक हुए। क के 3 यानी पांच साल के 15 अंक। ख के 2 अंक यानी पांच साल के 10 अंक और ग का 1 अंक यानी 5 साल के 5 अंक। घ के 0 अंक यानी फिसड्डी। इसमें पहले प्रमोशन पदों के मुताबिक मेरिट के अनुसार होंगे। पहले 20 अंक, 15 अंक, 10 अंक और 0 अंक होंगे।
क्लास-3 (ग्रेड-1, ग्रेड-2 और ग्रेड-3) के लिए पांच सालों की ग्रेडिंग के 12 अंक, क्लास-2 के लिए 14 और क्लास-1 के लिए 15 अंक होना जरूरी होगा।
कौन किसकी CR लिखेगा
मेरिट तय करने के लिए क्लास-3 के पदों की मेरिट के पहले चरण में सेक्शन ऑफिसर कर्मचारी की सीआर लिखेगा, उसका परीक्षण अंडर सेक्रेटरी करेगा और स्वीकृति डिप्टी सेक्रेटरी देगा। इसी तरह क्लास-2 के मामलों में सीआर का मामला अपर मुख्य सचिव तक जाएगा। क्लास-1 के पदों पर सीआर की स्वीकृति मुख्य सचिव स्तर पर होगी। उच्च पदों यानी क्लास-1 और क्लास-2 के पदों पर पदोन्नति के मामले में यदि दो अफसरों के मेरिट में अंक समान हैं तो उसमें वरिष्ठता देखी जाएगी। पहले वरिष्ठ कर्मचारी को प्रमोशन दिया जाएगा।
नए ड्राफ्ट में भी आरक्षण को लेकर पंगा है
आरक्षण को लेकर इस ड्राफ्ट में भी एक ऐसा प्रावधान है जिस पर विवाद हो भी सकता है, और 6 साल का इंतजार खत्म हो रहा है इसलिए नहीं भी हो सकता। तय किया गया है कि सबसे पहले आरक्षित पद भरे जाएंगे। इसे उदाहरण के तौर पर समझते हैं:-
- प्रमोशन के लिए कुल रिक्त पदों की संख्या 50
- प्रमोशन के लिए दावेदार कर्मचारियों की संख्या 150
- सबसे पहले आरक्षित 20 पद भरे जाएंगे। इसमें यदि कैटेगरी का कर्मचारी जूनियर है तब भी उसे प्रमोशन मिलेगा।
- शेष बचे 30 पद जो अनारक्षित हैं, सीनियरिटी के बेस पर भरे जाएंगे। इसमें यदि रिजर्वेशन कैटेगरी कर्मचारी आता है तो उसे भी प्रमोशन मिलेगा।
- यदि आरक्षित श्रेणी का कोई कर्मचारी, अनारक्षित वर्ग के लिए निर्धारित पद पर पदोन्नति प्राप्त करता है तो उसका आरक्षण का अधिकार समाप्त हो जाएगा। फिर वह अपने पूरे सेवाकाल में एक सामान्य श्रेणी का कर्मचारी माना जाएगा।