ग्वालियर। पूरे मध्य प्रदेश में नदियां उफान पर हैं और डैम के गेट खोलने पड़ रहे हैं, लेकिन ग्वालियर में हालात इसके विपरित हैं। मौसम का सिस्टम ग्वालियर के पास आकर बिगड़ जाता है। जिस कारण तिघरा डैम अभी तक खाली है।
ग्वालियर में मानसून की बेरूखी के कारण तिघरा का जलस्तर अभी भी 730.3 फीट पर अटका हुआ है। फिलहाल वह भरता भी नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि अगले सात दिन कोई मजबूत सिस्टम ग्वालियर में नजर नहीं आ रहा है जिससे बारिश हो सके। यदि तिघरा खाली रहता है तो शहर में पीने के पानी का संकट खड़ा हो जाएगा। तिघरा बांध ग्वालियर शहर को पीने का पानी का एक मात्र साधन है। तिघरा बांध का निर्माण घाटीगांव बेल्ट में किया गया है।
बंगाल की खाड़ी से आने वाला सिस्टम ग्वालियर की ओर नहीं आया। इस कारण शहर में अभी तक भारी वर्षां नहीं हो सकी है। स्थानीय प्रभाव व मानसून ट्रफ लाइन की वजह से खंड-खंड वर्षा का दौर जारी रहा है। हालांकि शहर में बादल औसत से ज्यादा वर्षा कर चुके हैं, लेकिन जिले में औसत से दो फीसदी कम है। अब अगस्त में अच्छी वर्षा की उम्मीद नहीं है। यही कारण है कि तिघरा के कैचमेंट एरिया में बारिश नहीं हो रही है। शहर में फिर भी हो गई, लेकिन कैचमेंट एरिया बरई, पनिहार, मोहना, घाटीगांव, आरोन, रानी घाटी आदि इलाकों में बारिश नहीं होने से तिघरा जलाश्य अभी खाली है।