मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के सहकारिता मंत्री श्री अरविंद भदौरिया पर उंगली उठी है। मामला डिप्टी कमिश्नर ऑफिस इंदौर में पदस्थ 11 सहकारिता इंस्पेक्टरों के ट्रांसफर का है। मंत्री श्री भदौरिया ने करीब 1 साल पहले इन सभी के ट्रांसफर आर्डर जारी किए थे परंतु अपने आदेश पर अमल नहीं करवाया।
मंत्री और अधिकारियों की ऐसी कैसी सहकारिता
दैनिक भास्कर ने यह मामला उठाया है। पत्रकार श्री राहुल दुबे ने मंत्री श्री अरविंद भदौरिया पर उंगली उठाते हुए स्पष्ट लिखा है कि 'निरीक्षकों से ये कैसी सहकारिता'। बताया है कि 11 महीने पहले इंदौर ऑफिस में 11 साल से पदस्थ 11 सहकारिता निरीक्षकों के तबादले किए गए थे। यह ट्रांसफर मंत्री श्री अरविंद भदौरिया ने व्यक्तिगत रुचि लेकर किए थे। इस कदम के लिए पत्रकारों ने श्री भदौरिया की सराहना की थी।
ट्रांसफर आर्डर के खिलाफ सहकारिता इंस्पेक्टर हाई कोर्ट गए परंतु हाईकोर्ट ने उनके ट्रांसफर आर्डर स्टे करने से मना कर दिया। इसके बावजूद किसी भी सहकारिता इंस्पेक्टर को रिलीव नहीं किया गया। सवाल उठाया गया है कि मंत्रियों और अधिकारियों के बीच ऐसी कौन सी सहकारिता हो गई जिसके कारण स्थानांतरण आदेश पर अमल नहीं किया गया।
सहकारिता के प्रति समर्पण देखिए, रिटायरमेंट के बाद भी काम कर रहे हैं
एचएस तिवारी, सतीश खंडेलवाल, पीसी सोलंकी सहित कुल 5 से अधिक अधिकारी कर्मचारी ऐसे हैं जो रिटायर हो चुके हैं परंतु नियमित रूप से ऑफिस आते हैं और काम करते हैं। यह नोट करना जरूरी है कि डिप्टी कमिश्नर भी उनसे काम करवा रहे हैं। सहकारिता के प्रति ऐसा समर्पण बहुत कम ही देखने को मिलता है।