मध्य प्रदेश के धार जिले में जनता के 304 करोड रुपए की लागत से बनाया जा रहा बांध फूट गया। 12 अगस्त को इसका रिसाव शुरू हुआ था। आज 14 अगस्त की शाम रिसाव बहुत तेज हो गया है। आज की रात कयामत की रात है। धार एवं खरगोन के 19 गांव डूबने का खतरा बना हुआ है।
ई टेंडर घोटाले में गड़बड़ी पकड़े जाने के बावजूद ना तो इस बांध बनाने वाली ठेकेदार कंपनी के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई और ना ही काम रोका गया। जल संसाधन विभाग के अधिकारी अपनी नौकरी बचाने के लिए लिखा पढ़ी करते रहे। मौके पर जाकर काम बंद नहीं करवाया। सन 2018 में ही सरकार को पता चल गया था कि बांध के निर्माण में भ्रष्टाचार हो रहा है। घटिया काम किया जा रहा है। बांध कभी भी फूट सकता है। ना तो कमलनाथ सरकार ने कोई कार्रवाई की और ना ही शिवराज सिंह सरकार ने।
12 अगस्त 2022 को बांध में से पानी का रिसाव शुरू हो जाने के बाद इसके कारण होने वाली संभावित घटना को रोकने के लिए सरकार ने समाचार लिखे जाने तक जनता के ₹40 करोड़ खर्च कर दिए। 19 गांव खाली करवा दिए गए हैं। लोगों की जान तो बच जाएगी परंतु उनकी सारी जमा पूंजी और संपत्ति सब कुछ बर्बाद हो जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही कुछ भी घोषणा करें परंतु पटवारी का मूल्यांकन सब जानते हैं और यह भी सबको पता है कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने से भी कुछ नहीं होगा।
मध्य प्रदेश के इतिहास में यह एक बेहद बुरे दिन के रूप में दर्ज किया जाएगा।
#WATCH मध्य प्रदेश के धार ज़िले में निर्माणाधीन करम बांध से पानी बह रहा है, 12 अगस्त को पहली बार बांध से रिसाव की सूचना मिली थी। pic.twitter.com/Jg5J3Lzfiw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 14, 2022