भोपाल। मध्य प्रदेश के धार जिले में 40000 लोगों की जान और माल को खतरा बने कारम नदी बांध की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस कमेटी की जांच का दायरा काफी सीमित है। कमेटी को जांच रिपोर्ट सबमिट करने के लिए 5 दिन का समय दिया गया है।
इस कमेटी के गठन का आदेश संजीव गुप्ता अवर सचिव जल संसाधन विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी किया गया है। जांच समिति का अध्यक्ष श्री आशीष कुमार अपर सचिव जल संसाधन विभाग को बनाया गया है। राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र भोपाल के वैज्ञानिक डॉ राहुल कुमार जायसवाल, ब्यूरो ऑफ डिजाइन एंड हाइडल जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता श्री दीपक सातपुते और संचालक बांध सुरक्षा बोधी भोपाल श्री अनिल सिंह को सदस्य बनाया गया है।
कारम नदी पर बांध के घटिया निर्माण के कारण सरकारी खजाने का 304 करोड़ रुपए बर्बाद हुआ। 19 गांव के नागरिकों को तबाही से बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में ₹40 करोड़ों रुपए खर्च हुआ। यह 344 करोड रुपए मध्य प्रदेश की जनता पर टैक्स लगाकर वसूले गए थे।
समिति को जांच करने के लिए 5 दिन का समय दिया गया है। समिति को यह पता लगाना है कि निर्माणाधीन बांध के क्षतिग्रस्त होने की परिस्थितियां/ कारण क्या था और इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं। इसके अलावा समिति को सुझाव देना है कि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए क्या करना चाहिए।
ध्यान देने वाली बातें
- जल संसाधन विभाग के कैबिनेट मंत्री से लेकर सभी प्रमुख अधिकारी और धार जिले के कलेक्टर तक जांच की जद में है। इसके बावजूद जांच समिति का चेयरमैन जल संसाधन विभाग का अधिकारी है।
- जल संसाधन विभाग के अवर सचिव ने अपने ही विभाग के अपर सचिव को जांच समिति का चेयरमैन बनाया है।
- समिति को केवल क्षतिग्रस्त होने की परिस्थितियां / कारण का पता लगाना है।
- समिति को केवल जिम्मेदार अधिकारियों की लिस्ट बनानी है।